राज्य सभा में उठी गैर सरकारी कामकाज सप्ताह के बीच में करने की मांग, नायडू ने जताई असहमति
By भाषा | Published: December 4, 2019 02:57 PM2019-12-04T14:57:49+5:302019-12-04T14:58:56+5:30
राज्य सभा में नरेंद्र जाधव ने गैर सरकारी कामकाज शुक्रवार के बजाय सप्ताह के बीच के किसी एक दिन करने की मांग रखी। हालांकि, सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि वे इससे बिल्कुल सहमत नहीं हैं।
राज्यसभा में मनोनीत सदस्य नरेंद्र जाधव ने गैर सरकारी कामकाज शुक्रवार के बजाय सप्ताह के बीच के किसी एक दिन करने की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि सप्ताहांत में सदस्यों के अपने अपने क्षेत्रों में लौट जाने की वजह से इसकी गंभीरता प्रभावित होती है।
इस पर हालांकि असहमति जताते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर सदस्य अपने गैर सरकारी संकल्प या निजी विधेयक के प्रति गंभीर होंगे तो वह सदन में अवश्य मौजूद रहेंगे। नरेंद्र जाधव ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वर्तमान में गैर सरकारी कामकाज शुक्रवार को होता है जिसके तहत निजी संकल्प या विधेयक लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि सदस्य अपने अपने मुद्दे उठाने के लिए बहुत मेहनत से निजी संकल्प या निजी विधेयक तैयार करते हैं लेकिन सप्ताहांत होने की वजह से शुक्रवार को ज्यादातर सदस्य अपने अपने क्षेत्रों में लौट जाते हैं जिसकी वजह से सदन में उनकी उपस्थिति कम होती है। इस कारण गैर सरकारी कामकाज की गंभीरता भी कम हो जाती है। जाधव ने सुझाव दिया कि गैर सरकारी कामकाज सप्ताह के बीच के दिनों में किया जाना चाहिए जब ज्यादातर सदस्य मौजूद रहते हैं।
इस पर सभापति नायडू ने कहा, 'मैं इससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं।' उन्होंने कहा, 'गैर सरकारी कामकाज का दिन बदलना जरूरी नहीं है बल्कि सदस्यों के व्यवहार में बदलाव जरूरी है।' नायडू ने कहा ‘अगर सदस्य अपने निजी संकल्प या गैर सरकारी विधेयक के प्रति गंभीर होंगे तो वह निश्चित रूप से सदन में मौजूद रहेंगे।’