शीतकालीन सत्र के लिए मोदी सरकार के एजेंडा में नागरिकता विधेयक, 18 से होने जा रहा है शुरू
By भाषा | Published: November 16, 2019 12:26 AM2019-11-16T00:26:58+5:302019-11-16T00:26:58+5:30
विधेयक में धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों तथा पारसियों को भारतीयों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
मोदी सरकार सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है। विधेयक में पड़ोसी देशों से आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता प्रदान करने का प्रावधान है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस सत्र के कामकाज में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है। भाजपा नीत राजग सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी विधेयक पेश किया था लेकिन विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण इसे पारित नहीं करा सकी। विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक निष्प्रभावी हो गया था।
विधेयक में धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों तथा पारसियों को भारतीयों को नागरिकता देने का प्रावधान है। असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विधेयक का विरोध हुआ है।