Parliament session: 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में आईएएस के 1472 और आईपीएस के 864 पद रिक्त, जितेंद्र सिंह ने कहा-पीएमओ में 12 राज्यों के 14 अधिकारी
By भाषा | Published: August 4, 2022 04:04 PM2022-08-04T16:04:14+5:302022-08-04T16:14:42+5:30
Parliament session: सरकार ने बासवान समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2012 से सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती संख्या को बढ़ाकर 180 किया है।
नई दिल्लीः सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में बताया कि विभिन्न राज्यों में एक जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1,472 और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 864 पद रिक्त हैं। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने उच्च सदन में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों की इष्टतम भर्ती को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बासवान समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2012 से सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती संख्या को बढ़ाकर 180 किया है। सिंह ने कहा कि समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि 180 से अधिक किसी भी संख्या के कारण गुणवत्ता से समझौता होगा।
उसने कहा कि यह संख्या लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) की क्षमता से अधिक होगी तथा इससे आईएएस अधिकारियों विशेष रूप से भारत सरकार में वरिष्ठ पदों के करियर पिरामिड में विकृति उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि 2020 से सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईपीएस के लिए भर्ती किए जाने वाले पदों की संख्या बढ़ाकर 200 की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘दिनांक एक जनवरी 2022 तक की स्थिति के अनुसार, विभिन्न राज्यों में आईएएस में 1472 तथा आईपीएस) में 864 रिक्तियां हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिक्तियों का उत्पन्न होना तथा उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का यह प्रयास है कि संवर्गों में रिक्तियों को भरा जाए। संघ लोक सेवा आयोग प्रत्येक वर्ष आईएएस तथा आईपीएस श्रेणी में सीधी भर्ती के आधार पर रिक्तियों को भरने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।’’
14 आईएएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर तैनात: सरकार
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 14 ऐसे अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं, जो 12 राज्यों के कैडर से आते हैं। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
सिंह ने बताया कि इनमें गुजरात और बिहार कैडर के दो-दो अधिकारी और उत्तराखंड, तेलंगाना, सिक्किम, मणिपुर, महाराष्ट्र, नगालैंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा आगमुट (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के एक-एक अधिकारी शामिल हैं। पीएमओ में सीधी (लेटरल) भर्ती के माध्यम से नियुक्त अधिकारियों की संख्या के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘लेटरल भर्ती के जरिए भारत सरकार में विशिष्ट कार्यो के लिए व्यक्तियों को कार्यक्षेत्र में उनके विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए नियुक्त करने प्रावधान है।
इसके अलावा लेटरल भर्ती के तहत भरा जाने वाला प्रत्येक पद एक विशिष्ट कार्य में एकल पद होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीदवारों को या तो संविदा के आधार पर या राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों, सांविधिक निकायों, विश्विद्यालय आदि से प्रतिनियुक्ति के आधार पर (अल्पकालिक संविदा सहित) नियुक्त किया जाता है।’’