Parliament Session: राहुल गांधी की PM नरेंद्र मोदी को चिट्ठी, NEET परीक्षा को लेकर कल बहस की मांग की
By आकाश चौरसिया | Updated: July 2, 2024 16:43 IST2024-07-02T16:23:39+5:302024-07-02T16:43:12+5:30
Parliament Session: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्र में कहा कि कई परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत कुछ त्याग देते हैं। ऐसे में नीट-यूजी 2024 पेपर का लीक होना उनके सपने के टूटने जैसे है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
Parliament Session: कांग्रेस नेता और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें नीट पेपर लीक मामले को लेकर बहस करने की मांग की है। इसके साथ सांसद ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य उन 24 लाख नीट अभ्यर्थियों का सवाल है, जो देशव्यापी परीक्षा में शामिल हुए थे। इसलिए ये बहस बहुत जरूरी है और साथ ही उन्होंने कहा कि वो विश्वास करते हैं कि आप इस बहस में लीड करेंगे।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि आप लोगों को जैसा पता होगा कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर डिबेट करने के लिए समय संसद के दोनों सदनों में पहले मांगा था, लेकिन 28 जून को इस पर बहस करने से साफ मना कर दिया गया। पिछले दिनों उन्होंने इस मुद्दे को कल फिर से एक बार बहस के दौरान उठाया था, जिसपर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि वो इस पर चर्चा करने का समय देंगे और इसके लिए वो सुनिश्चित करते हैं।
Dear Prime Minister,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 2, 2024
I am writing to request for a debate in Parliament on NEET tomorrow.
Our aim is to engage constructively in the interest of 24 lakh NEET aspirants who deserve answers.
I believe that it would be fitting if you were to lead this debate. pic.twitter.com/PXqV8LnYVO
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा कि कई परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत कुछ त्याग देते हैं। ऐसे में पेपर का लीक होना उनके सपने के टूटने जैसे है। आज वे सभी छात्र और उनके परिजन हमें देख रहे हैं, उनके प्रतिनिधित्व होने के नाते इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए।
पिछले 7 सालों में 70 पेपर लीक- राहुल गांधी
साथ ही राहुल गांधी ने बताया कि पिछले 7 सालों में 70 पेपर लीक हुए और इससे करीब 2 करोड़ छात्र प्रभावित हुए। सरकार को एग्जाम रद्द करना पड़ा और एनटीए के निदेशक को बदलना पड़ा, जो कि सिस्टम में बड़ी खामियों को छिपाने के लिए किया गया।