पाकिस्तान ने पुलवामा हिंसा के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित किया, कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए विशेष दूत का प्रस्ताव
By भाषा | Published: December 18, 2018 08:26 PM2018-12-18T20:26:35+5:302018-12-18T20:28:13+5:30
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने मंगलवार को कहा कि ‘‘जम्मू-कश्मीर, विभाजन का एक अधूरा रह गया एजेंडा है’’ और पाकिस्तान कश्मीरियों के ‘‘वैध संघर्षों को नैतिक, कूटनीतिक एवं राजनीतिक समर्थन देना जारी रखेगा।’’
पाकिस्तान की सीनेट ने शनिवार को कश्मीर के पुलवामा जिले में हुई हिंसा की सर्वसम्मति से निंदा करते हुए मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया। इस हिंसा में सात आम नागिरकों की मौत हो गई थी।
‘रेडियो पाकिस्तान’ की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की नेता शेरी रहमान की ओर से पेश प्रस्ताव में कश्मीरियों को ‘‘नैतिक एवं कूटनीतिक समर्थन’’ जारी रखने के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
प्रस्ताव में सरकार से कहा गया कि वह सीनेट में पारित पुराने प्रस्तावों को अमल में लाए और कश्मीर मुद्दे को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के लिए विशेष दूत नियुक्त करे।
एक अलग घटनाक्रम में पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने मंगलवार को कहा कि ‘‘जम्मू-कश्मीर, विभाजन का एक अधूरा रह गया एजेंडा है’’ और पाकिस्तान कश्मीरियों के ‘‘वैध संघर्षों को नैतिक, कूटनीतिक एवं राजनीतिक समर्थन देना जारी रखेगा।’’
अलवी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के हल के बगैर क्षेत्र में शांति संभव नहीं है।
पुलवामा जिले के सिर्नू गांव में शनिवार को एक मुठभेड़ स्थल के समीप सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर गोलियां चला दी थीं जिसमें सात नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। मुठभेड़ में तीन आतंकवादी भी मारे गए थे जबकि एक जवान शहीद हो गया था और दो अन्य घायल हुए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कई मौकों पर कहा है कि वो भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के इन्हीं करतूतों से शांति वार्ता बार-बार ठंडे बसते में चली जाती है। दरअसल इमरान खान भारत पर इन बयानों के सहारे कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।