Operation Sindoor: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि लंबे समय से हमारा रुख यह है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाना चाहिए, यह रुख नहीं बदला है। कश्मीर पर इस्लामाबाद के साथ एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को भारत को वापस करना है। जायसवाल ने कहा, "हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस घोषित नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।"
भारत ने उन आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया जो न केवल भारतीयों की, बल्कि दुनिया भर में कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए भी जिम्मेदार थे। भारत सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हमले की अटकले लगाए जाने पर कहा कि हमारी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों तक सीमित थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।"
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने पाकिस्तानी पक्ष द्वारा दिया गया बयान देखा है। जिस देश ने औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसका यह सोचना कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, खुद को मूर्ख बनाना है.... पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे समझ लेगा, उतना ही बेहतर होगा।"
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "CCS (सुरक्षा पर कैबिनेट समिति) के फैसले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। मैं आपको थोड़ा पीछे ले जाना चाहूंगा। सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट है।
हालांकि, पाकिस्तान ने कई दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को स्थगित रखा है। अब CCS के फैसले के अनुसार, भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता। कृपया ध्यान दें कि जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी परिवर्तनों ने जमीन पर भी नई वास्तविकताओं को जन्म दिया है।"