आतंक से निपटने के लिए पाक पीएम इमरान खान ने सुरक्षा परिषद की बुलाई बैठक, भारत के दबाव के बाद दे रहे हैं सफाई
By पल्लवी कुमारी | Published: February 22, 2019 01:05 PM2019-02-22T13:05:01+5:302019-02-22T13:05:01+5:30
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन ऑफ इंडिया का दर्जा वापस ले लिया है। पुलवामा में हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने को लेकर लगातार भारत दबाव बना रहा है। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, लेकिन पाकिस्तान अपने देश में इसकी संलिप्तता से इनकार करता रहा है। लेकिन अब पाकिस्तान इस मसले पर सफाई देता दिख रहा है।
पाकिस्तान ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा और उसकी परमार्थ संस्था फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर गुरुवार को प्रतिबंध लगाने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक भी हुई। इस बैठक को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लीड किया। इस बैठक में आतंकवाद से निपटने पर चर्चा की गई। ये बैठक 21 फरवरी की शाम को बुलाई गई थी।
पाक पीएम ने बैठक में परिषद को सौंपी जिम्मेदारी
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद गठन का काम अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले आतंकवाद की घटनाओं पर ध्यान देना है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के द्वारा ये खबर दी गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का गठन के जिम्मेदारियों को बताते हुए पाक पीएम ने साफ किया है कि जो भी ऐसी घटना में शामिल हो उसे दंडित किया जाए।
Sources:Also,Pakistan Prime Minister convened the National Security Council yesterday in which even while disclaiming responsibility, has offered to punish anyone who was found using its territory. He also mentioned about accelerating measures to root out terrorism and extreme. https://t.co/079CtZenfF
— ANI (@ANI) February 22, 2019
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के जिम्मेदारियों की घोषणा करते हुए इमरान खान ने कहा है कि इस परिषद का मुख्य कार्य आतंकवाद को जंड़ से खत्म करने के उपायों में तेजी लाना है। पाक पीएम ने बैठक में देश के आतंकियों को लेकर चर्चा भी की है। हालांकि पुलवामा हमले में पाकिस्तान के हाथ होने से साफ इनकार कर दिया है। लेकिन उन्होंने इताना साफ किया है कि पाकिस्तान की जमीन पर जो आतंकी पाया जाता है तो उसे सजा दी जाएगी।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ''गैरकानूनी करार दिए गए संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला बैठक में लिया गया।''
उन्होंने कहा, ''यह तय किया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित किया जाए।'' इससे पहले गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों को निगरानी सूची में रखा था।
अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे औरस्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं।
सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘भारत का पानी’ रोकने का फैसला किया
सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने और पूर्वी नदियों की धारा जम्मू कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ने का फैसला किया । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे । गडकरी ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने का निर्णय किया है । हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तित करेंगे और जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को पहुंचायेंगे । ’’
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रावी, व्यास और सतलुज नदियों से पाकिस्तान जाने वाले जल को जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा । गडकरी ने कहा कि रावी नदी पर शाहपुर..कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा यूजेएच परियोजना के जरिये जम्मू कश्मीर में उपयोग के लिये हमारे हिस्से के पानी का भंडारण होगा और शेष पानी दूसरी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा। (पीटीआई इनपुट के साथ)