पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में बंद कर दिए हैं समाधान के सभी रास्ते, सामने आया पाखंडी रवैया: विदेश मंत्रालय
By सुमित राय | Published: July 23, 2020 06:52 PM2020-07-23T18:52:27+5:302020-07-23T19:06:43+5:30
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान ने भारत के लिए समाधान के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं।
कुलभूषण जाधव केस में भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ने समाधान के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। पाकिस्तान की कार्रवाई ने उसके पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक अर्जी देकर कुलभूषण जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधि की नियुक्ति करने की मांग की। संघीय अध्यादेश के तहत इस मामले में अर्जी देने से पहले पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भारत सरकार से विचार नहीं किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने समाधान के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। पाकिस्तान की कार्रवाई ने उसके पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया है।
जिओ न्यूज सहित पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने अपनी अर्जी में अदालत से अनुरोध किया है कि वह जाधव के लिए एक वकील की नियुक्ति कर दे ताकि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर सके।
Pakistan has blocked all avenues for effective remedy available to India. It stands in violation of ICJ judgement & its own Ordinance. India reserves its position incl right to avail of further remedies: MEA on Pak govt moving Islamabad HC to appoint lawyer for Kulbhushan Jadhav pic.twitter.com/OltYd1S0ON
— ANI (@ANI) July 23, 2020
क्या है कुलभूषण जाधव का पूरा मामला
भारतीय नौसेना के सेवा-निवृत 50 वर्षीय अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनायी थी। भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया और वहां जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मौत की सजा को चुनौती दी थी।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी करार दिए जाने और उसकी सजा पर प्रभावी तरीके से विचार करे और बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच दे।
पाकिस्तान ने इस संदर्भ में 20 मई को एक अध्यादेश पारित किया जिसके तहत, अध्यादेश आने से 60 दिन के भीतर सैन्य अदालत के फैसले को एक आवेदन देकर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। पाकिस्तान सरकार का दावा है कि जाधव ने अपने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने से इंकार कर दिया है।