जम्मू में फिर हुई ना'पाक हरकत, सीजफायर तोड़ा, सीमा पर फैला तनाव
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 6, 2022 05:39 PM2022-09-06T17:39:30+5:302022-09-06T17:44:29+5:30
जम्मू-कश्मीर में जब पाकिस्तान की ओर से भारत की ओर फायरिंग की गई तब भारतीय जवान बाड़ लगाने का काम कर रहे थे। बीएसएफ ने भी पाकिस्तानी सेना को फायरिंग का माकूल जवाब दिया है। दोनों से हुआ फायरिंग में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
जम्मू: जम्मू फ्रंटियर के अरनिया सेक्टर में करीब आठ महीने बाद मंगलवार को पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है। अरनिया में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चिनाज पोस्ट पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ के जवानों पर फायरिंग की।
यह फायरिंग तब की गई जब भारतीय जवान बाड़ लगाने का काम कर रहे थे। बीएसएफ ने भी पाकिस्तानी सेना को इसका जवाब दिया है। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। सीजफायर के ताजा उल्लंघन के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति में लोग पलायन के लिए बोरिया बिस्तर बांधने लगे थे क्योंकि पाक रेंजर्स का रूख खतरनाक लग रहा था।
जानकारी के लिए इससे पहले जनवरी 2022 पाकिस्तान की ओर से अरनिया सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया था। तब सीमा प्रहरियों ने पच्चास वर्षीय एक पाक घुसपैठिया को ढेर कर दिया था। घुसपैठिया भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहा था।
बीएसएफ प्रवक्ता ने पाकिस्तान की ओर से की गई इस अकारण गोलीबारी की पुष्टि करते हुए कहा कि फायरिंग केे तुरंत बाद बीएसएफ के जवानों ने भी मोर्चा संभाल जवाब में जमकर फायरिंग की। बीएसएफ जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने गोलीबारी बंद कर दी। बताया जा रहा है कि करीब आधा घंटे तक रूक-रूक कर हुई इस गोलीबारी में दोनों ओर से 25 से 30 राउंड फायरिंग की गई।
बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि गोलीबारी का यह सिलसिला मंगलवार तड़के शुरू हुआ। पाकिस्तानी रेजरों ने अरनिया सेक्टर में तैनात बीएसएफ जवानों की चौकियों को निशाना बनाते हुए अचानक से गोलीबारी शुरू कर दी। बीएसएफ जवानों ने भी तुरंत मोर्चा संभाला और जवाब में पाकिस्तानी रेंजरों पर फायरिंग शुरू कर दी। पाकिस्तानी गोलीबारी में फिलहाल किसी बीएसएफ जवान या फिर आम नागरिक के घायल होने की कोई सूचना नहीं है।
इस गोलीबारी की घटना के बाद जम्मू सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि सूचनाएं कहती हैं कि पाक रेंजर्स कोई दुस्साहस कर सकते हैं और वे कवरिंग फायर की आड़ में आतंकियों को इस ओर धकेल सकते हैं।