तारेक फतह का निधन, लंबी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 24, 2023 06:31 PM2023-04-24T18:31:52+5:302023-04-24T18:33:45+5:30

तारेक फतह का जन्म कराची में 1949 में हुआ था। 1987 में वह कनाडा चले गए। उन्हें अपनी रिपोर्टिंग के लिए कई अवार्ड मिले थे। अक्सर इस्लामिक कट्टरपंथियों की आलोचना के कारण सुर्खियों में रहने वाले तारेक फतेह को कई बार जान से मारने की धमकी भी मिली थी।

Pakistan-born author Tarek Fatah passes away breathed his last at the age of 73 | तारेक फतह का निधन, लंबी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

तारेक फतह 73 वर्ष के थे

Highlightsपाकिस्तानी मूल के लेखक तारेक फतह का लंबी बीमारी के बाद निधनतारेक फतह 73 वर्ष के थेतारेक फतह की बेटी नताशा फतह ने ट्विटर पर की मौत की पुष्टि

नई दिल्ली: कनाडा में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता तारेक फतह का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। तारेक फतह की मौत की पुष्टि उनकी बेटी नताशा फतह ने ट्विटर पर की। कनाडा में रहने वाले लेखक इस्लाम और आतंकवाद पर अपने प्रगतिशील विचारों के लिए जाने जाते थे। पाकिस्तान पर अपने उग्र रुख के लिए जाने जाने वाले तारेक फतह ने कई बार केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया था। इससे वह भारत में भी कुछ राजनीतिक दलों के निशाने पर रहते थे।

तारेक फतह की बेटी  नताशा फतह ने ट्विटर पर लिखा, "पंजाब का शेर। हिंदुस्तान का बेटा। कनाडा का प्रेमी। सत्य का वक्ता। न्याय के लिए लड़ाकू। दलितों और शोषितों की आवाज तारेक फतेह ने बैटन पास कर दिया है। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते थे और उससे प्यार करते थे।"

तारेक फतह का जन्म कराची में 1949 में हुआ था। 1987 में वह कनाडा चले गए। उन्हें अपनी रिपोर्टिंग के लिए कई अवार्ड मिले थे। इसके अलावा प्रमुख अखबारों में उनके लेख छपा करते थे।  अक्सर इस्लामिक कट्टरपंथियों  की आलोचना के कारण सुर्खियों में रहने वाले तारेक फतेह को कई बार जान से मारने की धमकी भी मिली थी। साल 2017 में बरेली के एक मुस्लिम संगठन ने तारिक फतेह का सिर कलम करने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया था।

पैगम्बर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी के आरोपों में निलंबित हुईं भाजपा नेता नुपुर शर्मा के समर्थन में भी तारिक फतेह बयान दे चुके थे। नुपुर शर्मा को सुरक्षा देने की बात करते हुए तारिक फतेह ने कहा था, "लोग हिंदुओं के देवी-देवताओं का मजाक बना लेते हैं। उसपर कोई नहीं बोलता है, लेकिन अगर नुपुर ने कुछ बोल दिया तो उसके लिए इतना बखेड़ा बना दिया गया। इस्लामिक जेहादी नुपुर को धमकियां दे रहे हैं। पुलिस को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।"

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