BHU में धर्म शिक्षा नहीं पढ़ा पाने वाले शिक्षक फिरोज के पिता भी पद्म श्री पुरस्कार से होंगे सम्मानित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 26, 2020 09:43 AM2020-01-26T09:43:07+5:302020-01-26T09:43:53+5:30
पुरस्कार पाने वालों में एक नाम भजन गायक मुन्ना मास्टर का भी है, जो पिछले साल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रवक्ता पद पर नियुक्ति के बाद चर्चा में आए डॉ. फिरोज खान के पिता हैं.
भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या देश के उन लोगों का नाम बताया जिन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है. विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों इन लोगों को भारत सरकार सम्मानित करेगी। इनमें से एक नाम भजन गायक मुन्ना मास्टर का भी है, जो पिछले साल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रवक्ता पद पर नियुक्ति के बाद चर्चा में आए डॉ. फिरोज खान के पिता हैं. आपको बता दें कि डॉ. फिरोज की नियुक्ति का काफी विरोध हुआ था. जिसके बाद उन्होंने बीएचयू के ही दूसरे विभाग में पढ़ाने का फैसला किया था.
इसके अलावा, सूखाग्रस्त हिवरे बाजार में भूजल में सुधार करने वाले, अहमदनगर (महाराष्ट्र) के प्रख्यात पोपटराव पवार और कृषि-जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में योगदान के लिए विश्वविख्यात आदिवासी महिला राहीबाई सोमा पोपेर उन उन गुमनाम नायकों में शामिल हैं जिन्हें इस साल पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. चंडीगढ़ स्थित पीजीआई अस्पताल के बाहर मरीजों एवं उनके साथ आए लोगों को नि:शुल्क भोजन कराने वाले जगदीश लाल आहूजा, 25,000 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले फैजावाद के मोहम्मद शरीफ और असम में हाथियों के चिकित्सक कुशल कंवर सरमा भी सम्मानित होने वाले गुमनाम नायकों में शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की गई जिनमें जम्मू-कश्मीर के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता जावेद अहमद टक भी शामिल हैं जो दो दशक से दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रहे हैं, अनंतनाग एवं पुलवामा के 40 गांवों में 100 से अधिक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा एवं अन्य सहायता मुहैया करा रहे हैं.उन्होंने बताया कि औपचारिक शिक्षा नहीं लेने के बावजूद पौधों की विविध किस्मों के विशाल ज्ञान के कारण 'वन की विश्वकोष' उपाधि से जानी जाने वाली कर्नाटक की 72 वर्षीय तुलसी गौडा को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है.
पिछले चार दशकों से पूर्वोत्तर राज्यों के दूरदराज के इलाकों में शिक्षा एवं पाठन संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहे और 'अंकल मूसा' के नाम से विख्यात अरुणाचल प्रदेश के सत्यनारायण मुंदायूर, 1984 भोपाल गैस त्रासदी के पीडितों की खातिर लड़ाई लड़ने वाले अब्दुल जब्बर उर्फ 'भोपाल की आवाज' (मरणोपरांत) और राजस्थान में स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाली दलित सामाजिक कार्यकर्ता ऊषा चौमार को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
गरीबों को किफायती शिक्षा देने में मदद करने वाले कर्नाटक के 64 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता हारेकला हाजब्बा, दूरस्थ सुंदरबन में मरीजों का उपचार करने वाले पश्चिम बंगाल के चिकित्सक अरुणोदय मंडल, केवल जैविक तकनीक के प्रयोग से ओडिशा में बंजर भूमि को वन क्षेत्र में तब्दील करने वाले गांधीवादी राधा मोहन एवं उनकी पुत्री साबरमती को भी पद्म श्री से नवाजा गया. हल्दी की खेती संबंधी मुहिम चलाने वाले मेघालय के आदिवासी किसान त्रिनिती साइऊ, असम की बराक घाटी में कैंसर मरीजों का उपचार करने वाले चेन्नई के चिकित्सक रवि कन्नन, तमिलनाडु में चार दशक से अधिक समय से 14,000 से अधिक दिव्यांग लोगों के पुनर्वास में मदद करने वाले दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता एस रामाकृष्णन को भी यह पुरस्कार दिया गया.
इसके अलावा सरकार ने राजस्थान में 50,000 पौधे लगाने वाले 68 वर्षीय पर्यावरणविद् सुंदरम वर्मा, राज्य के मुस्लिम भजन गायक मुन्ना मास्टर, पिछले 35 साल से लोगों का नि:शुल्क उपचार कर रहे उत्तराखंड के 81 वर्षीय चिकित्सक योगी ऐरोन को भी पद्मश्री से पुरस्कृत किया गया है.