नहीं रहें पद्मश्री दामोदर गणेश बापट, कुष्ठ पीड़ितों की सेवाओं में समर्पित कर दिया था पूरा जीवन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 17, 2019 10:03 AM2019-08-17T10:03:53+5:302019-08-17T10:03:53+5:30

कुष्ठ रोगियों के लिए पूरा जीवन समर्पित करने वाले गणेश बापट को साल 2018 में पद्मश्री सम्मान से नवाज गया था।

Padma Shri awardee Damodar Ganesh Bapat passed away at a hospital in Bilaspur | नहीं रहें पद्मश्री दामोदर गणेश बापट, कुष्ठ पीड़ितों की सेवाओं में समर्पित कर दिया था पूरा जीवन

नहीं रहें पद्मश्री दामोदर गणेश बापट, कुष्ठ पीड़ितों की सेवाओं में समर्पित कर दिया था पूरा जीवन

कुष्ठ पीड़ितों के इलाज और उनके सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए जीवन समर्पित करने वाले समाज सेवी दामोदर गणेश बापट का शनिवार (17 अगस्त) की देर रात निधन हो गया।  लंबे समय से बीमार चल रहे 87 वर्षीय दामोदर गणेश बापट ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्थि हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली। 

कुष्ठ रोगियों के लिए पूरा जीवन समर्पित करने वाले गणेश बापट को साल 2018 में पद्मश्री सम्मान से नवाज गया था। उन्होंने 42 साल से कुष्ठ रोगियों के लिए समर्पित बापट ने अपने देहदान का संकल्प लिया था, उस संकल्प के तहत मेडिकल कॉलेज को उनका देहदान किया जाएगा। 


जानिए कौन थे गणेश बापट 

संघर्षों भरे जीवन की शुरूआत बापट ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के तौर पर की थी। वह आदिवासी बच्चों को पढ़ाते थे। चांपा से आठ किलोमीटर दूर ग्राम सोठी में भारतीय कुष्ठ निवारक संघ द्वारा संचालित आश्रम में कुष्ठ पीड़ितों की सेवा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया है। इस आश्रम की स्थापना सन 1962 में कुष्ठ पीड़ित सदाशिवराव गोविंदराव कात्रे ने की थी। वहां वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता बापट सन 1972 में पहुंचे और कात्रे जी के साथ मिलकर उन्होंने कुष्ठ पीड़ितों के इलाज और उनके सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए सेवा के अनेक प्रकल्पों की शुरूआत की।

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