GDP पर चिदंबरम ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- RSS को शर्म आनी चाहिए, RBI को दी ये सलाह
By पल्लवी कुमारी | Published: May 23, 2020 01:09 PM2020-05-23T13:09:47+5:302020-05-23T13:12:32+5:30
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 22 मई को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP)-2020-21 में निगेटिव रहेगी।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, 'भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास कहते हैं कि मांग में गिरावट आई है, 2020-21 में विकास नकारात्मक क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। फिर क्यों वह अर्थव्यवस्था में और पूंजी डाल रहे हैं? उन्हें सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि "अपना काम करो, राजकोषीय उपाय करो" चिदंबरम की यह प्रतिक्रिया RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा GDP की वृद्धि दर निगेटिव रहने वाले अनुमान के बाद आया है।
Even after RBI’s statement, is the @PMOIndia or @nsitharaman lauding themselves for a package that has fiscal stimulus of less than 1% of GDP?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 23, 2020
RSS should be ashamed of how the government has dragged the economy into negative growth territory.
अपने एक अन्य ट्वीट में पी. चिदंबरम ने लिखा, ''RBI के कथन के बाद भी, क्या PMO इंडिया या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद की ऐसे पैकेज के सराहना कर रहे हैं जिसमें GDP का 1% से कम राजकोषीय प्रोत्साहन है? आरएसएस को शर्म आनी चाहिए कि कैसे सरकार ने अर्थव्यवस्था को नकारात्मक विकास के क्षेत्र में खींच लिया है।''
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था- भारत की जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 22 मई को कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां बाधित होने से भारत की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है।’’ साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शीर्ष छह औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है, वे मोटेतौर पर लाल या नारंगी क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि मांग में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं और बिजली तथा पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटी है।
गवर्नर ने कहा कि सबसे अधिक झटका निजी खपत में लगा है, जिसकी घरेलू मांग में 60 फीसदी हिस्सेदारी है। दास ने कहा कि मांग में कमी और आपूर्ति में व्यवधान के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘2020-21 में जीडीपी वृद्धि के नकारात्मक रहने का अनुमान है, हालांकि 2020-21 की दूसरी छमाही में कुछ तेजी आएगी।’’