मोदी सरकार ने पिछले 5 साल में पांच लाख करोड़ से ज्यादा लोन बट्टा-खाते में डाला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2019 10:52 AM2019-04-13T10:52:02+5:302019-04-13T10:52:02+5:30
बैंकों ने कम बैड लोन दर्शाने के लिए 2016-17 में 1,08,374 करोड़ और 2017-18 में 161,328 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किये।
सरकार एक ओर जहां बैंकों को टैक्स देने वाले लोगों के पैसे मुहैया कराकर डूबने से बचाने में जुटी है, वहीं पिछले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर कर्जों को माफ किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक आंकड़े से खुलासा हुआ है कि दिसंबर-2018 से लेकर पिछले 9 महीनों में करीब 1,56,702 करोड़ के बैड लोन को राइट ऑफ की श्रेणी में डाला गया है। इस तरह पिछले 10 सालों में 7 लाख करोड़ से ज्यादा के लोन 'राइट ऑफ' हुए हैं।
दिलचस्प बात ये है कि पिछले 10 सालों में जितने भी कर्जे राइट ऑफ हुए हैं, उसमें ज्यादातर (करीब 80 फीसदी, 4/5th) पिछले पांच साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार आरबीआई ने बताया है कि अप्रैल-2014 से अब तक 5,55,603 करोड़ रुपये राइट ऑफ हुए। बता दें कि 'राइट ऑफ' की श्रेणी में वैसे लोन आते हैं, जिन्हे वसूला जाना लगभग नामूमकिन बन जाता है।
बैंकों ने कम बैड लोन दर्शाने के लिए 2016-17 में 1,08,374 करोड़ और 2017-18 में 161,328 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किये। वहीं, 2018-19 के पहले 6 महीने में 82,799 करोड़ रुपये राइट ऑफ किये गये।
बैंक के सूत्रों के अनुसार कर्जा लेने वालों और किसी व्यक्ति विशेष मामले में कितनी राशि राइट ऑफ की गई, इसकी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। हालांकि, बैंक दावा करते हैं कि कर्जों को राइट ऑफ की श्रेणी में डालने के बाद भी वसूलने की कवायद जारी रही पर सूत्रों के मुताबिक 15-20 फीसदी ही वसूले जा सके और हर साल राइट ऑफ की राशि बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है।