सीएपीएफ की कैंटीन में नहीं बेची जाएगी जगुआर और यूरेका फोर्ब्स जैसी कंपनियों की 1 हजार से अधिक गैर स्वदेशी उत्पाद
By सुमित राय | Published: June 1, 2020 03:09 PM2020-06-01T15:09:53+5:302020-06-01T16:08:08+5:30
सीएपीएफ की कैंटीन में आज से जगुआर, यूरेका फोर्ब्स और एचयूएल (खाद्य) के एक हजार से ज्यादा गैर स्वदेशी उत्पादों की बिक्री नहीं की जाएगी।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कैंटीनों में अब डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों द्वारा निर्मित एक हजार से अधिक उत्पादों को सोमवार से सीएपीएफ कैंटीन में नहीं बेचा जाएगा, क्योंकि वे 'स्वदेशी' नहीं हैं या या फिर इन्हें पूरी तरह आयातित उत्पादों से बनाया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) की कैंटीनों में अब केवल मेड इन इंडिया सामान ही बेचे जाएंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि विक्टोरिनोक्स इंडिया, सैमसंग इंडिया के कई उत्पादों को भी सीएपीएफ कैंटीन से हटाया गया है। इसके अलावा, फेरेरो रोशेर, रेड बुल, विक्टोरिनोक्स, सफिलो (पोलेरॉइड, कैमेरा) जैसे उत्पादों का आयात करने वाली सात कंपनियों को डी-लिस्ट कर दिया गया है।
सीएपीएफ कैंटीनों में अब संबंधित उत्पादों की बिक्री न होने की बात एक सरकारी आदेश में कही गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीनों में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ही होगी।
आदेश में कहा गया है कि जो चीजें "पूरी तरह से आयातित उत्पादों" से बनाई जाती हैं, उन्हें सोमवार से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या सीपीएफ कैंटीनों की सूची से हटाया जा रहा है। कुछ खास उत्पादों में आयातित सामान का इस्तेमाल करने वाली और सूची से बाहर हुई कंपनियों में ब्लू स्टार लिमिटेड, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लिमिटेड, कोलगेट पामोलिव इंडिया लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया और अन्य शामिल हैं।
आदेश में कहा गया है कि गैर स्वदेशी वस्तुओं को खारिज या सूची से बाहर "पूरी तरह कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार" पर किया गया है। सीएपीएफ कैंटीनों का सालाना तौर पर 2,800 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है। ये कैंटीन लगभग 10 लाख कर्मियों वाले बलों के 50 लाख परिजनों को विभिन्न सामान बेचती हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मी आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा रक्षा तक का दायित्व निभाते हैं।
Kendriya Police Kalyan Bhandar (KPKB) has de-listed over 1000 imported products after Union Home Ministry said that only 'Made in India' products will be sold in all KPKB canteens.
— ANI (@ANI) June 1, 2020
बता दें कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज का ऐलान करते हुए स्वदेशी पर जोर देने की अपील की थी। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार की कैंटीन में केवल स्वदेशी सामान ही बेचे जाएंगे।