माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में उस्मानिया विश्वविद्यालय का प्रोफेसर गिरफ्तार

By भाषा | Published: January 18, 2020 11:31 PM2020-01-18T23:31:35+5:302020-01-18T23:31:35+5:30

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाकपा नेता नारायण ने सरकार पर जानबूझकर बुद्धिजीवियों को माओवादियों से संबंध रखने का आरोप लगाकर और मनगढ़त मामलों के आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

Osmania University professor arrested for having links with Maoists | माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में उस्मानिया विश्वविद्यालय का प्रोफेसर गिरफ्तार

माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में उस्मानिया विश्वविद्यालय का प्रोफेसर गिरफ्तार

Highlightsपिछले साल विश्वविद्यालय में ही कार्यरत सहायक प्रोफेसर जगन को माओवादियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रतिष्ठित तेलुगु कवि पी वरवरा राव को भी 2018 में महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया था।

तेलंगाना पुलिस ने उस्मानिया विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सी. कासिम को माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया। सिद्दिपेट के पुलिस आयुक्त डी जोएल डेविस ने यह जानकारी दी। डेविस के मुताबिक कासिम का नाम मुलूगु पुलिस थाने में 2016 में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम और अन्य कानून के तहत दर्ज किए गए एक मुकदमे में भी था।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मुकदमे में जांच चल रही है और हमें ठोस साक्ष्य भी मिले हैं। हाल ही में कुछ जानकारी भी मिली थी।” पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने वारंट लेकर उनके निवास पर तड़के तलाशी ली और कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी जब्त किए।”

उन्होंने कहा कि कासिम के माओवादियों से लगातार संपर्क में होने के पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। कासिम पर तेलंगाना राज्य में माओवादियों के “यूनाइटेड फ्रंट वर्टिकल” के संयोजक के तौर पर काम करने का आरोप है। अधिकारी ने कहा कि कासिम को गजवेल में एक स्थानीय अदालत में शनिवार को प्रस्तुत किया जाएगा। कासिम ने हाल में ‘‘वीरसम’’ (क्रांतिकारी लेखक संघ) के महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

कासिम की पत्नी स्नेहलता ने आरोप लगाया कि उस्मानिया विश्वविद्यालय के शिक्षक पर दर्ज मामला आधारहीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि करीब 50 पुलिसकर्मी विश्वविद्यालय परिसर स्थित उनके आवास पर सुबह आए और दरवाजा नहीं खोलने पर उसे तोड़ दिया। स्नेहलता ने कहा कि मुलूगु थाने में 2016 में दर्ज मामला कार हादसे से जुड़ा था और पुलिस ने उस समय दो किताब बरामद की थी जिसके लेखक कासिम थे और उस किताब के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया।

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाकपा नेता नारायण ने सरकार पर जानबूझकर बुद्धिजीवियों को माओवादियों से संबंध रखने का आरोप लगाकर और मनगढ़त मामलों के आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि पिछले साल विश्वविद्यालय में ही कार्यरत सहायक प्रोफेसर जगन को माओवादियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह भी वीरसम के सदस्य हैं। इस संगठन के नेता और प्रतिष्ठित तेलुगु कवि पी वरवरा राव को भी 2018 में महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया था।

Web Title: Osmania University professor arrested for having links with Maoists

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