संबित पात्रा और बग्गा के खिलाफ दर्ज मामले निरस्त करने का आदेश

By भाषा | Published: April 12, 2021 09:42 PM2021-04-12T21:42:43+5:302021-04-12T21:42:43+5:30

Order for cancellation of the cases filed against Sambit Patra and Bagga | संबित पात्रा और बग्गा के खिलाफ दर्ज मामले निरस्त करने का आदेश

संबित पात्रा और बग्गा के खिलाफ दर्ज मामले निरस्त करने का आदेश

बिलासपुर, 12 अप्रैल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त करने का आदेश दिया।

पिछले वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद युवक कांग्रेस के नेताओं ने राज्य के अलग-अलग थानों में भाजपा नेताओं के खिलाफ तीन मामला दर्ज कराया था।

संबित पात्रा के अधिवक्ता शरद मिश्रा ने सोमवार को बताया कि मई 2020 में भाजपा प्रवक्ता पात्रा ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस के शासन काल में अगर कोरोना वायरस महामारी फैली होती तो उसको नियंत्रित करने के दौरान मास्क घोटाला, सेनेटाइजर घोटाला जैसे मामले सामने आते और देश भर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता। पात्रा की ट्वीट को दिल्ली में युवक कांग्रेस ने मानहानि माना और दिल्ली में मामला दर्ज कराया।

मिश्रा ने बताया कि इस शिकायत के बाद संबित पात्रा ने एक और ट्वीट किया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या और राजीव गांधी को सिख दंगों तथा बोफोर्स घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।

उन्होंने बताया कि संबित पात्रा की इस ट्वीट को दिल्ली के ही भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने री ट्वीट किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ में युवक कांग्रेस ने राजधानी रायपुर के सिविल लाइन और भिलाई के थाने में संबित पात्रा के खिलाफ और कांकेर के थाने में बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

अधिवक्ता मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में पिछले वर्ष मई माह में अधिवक्ता पिंकी आनंद और शरद मिश्रा तथा तेजिंदर बग्गा के अधिवक्ता विवेक शर्मा ने प्राथमिकी निरस्त करने के लिए अर्जी दाखिल किया था। जून माह में उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों में एक साथ सुनवाई करते हुए किसी प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही नहीं करने का अन्तरिम आदेश दिया था। मार्च 2021 में अंतिम सुनवाई के बाद न्यायालय ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मिश्रा ने बताया कि उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल की एकल पीठ ने सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए संबित पात्रा और तेजिंदर बग्गा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने कहा है कि न्यायालय की अनुमति के बिना पुलिस अधिकारी भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 501 के तहत असंज्ञेय अपराधों की जांच नहीं कर सकता है।

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Web Title: Order for cancellation of the cases filed against Sambit Patra and Bagga

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