कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल राष्ट्रपति से करेंगे माँग- जस्टिस लोया की मौत की सीबीआई, एनआईए से स्वतंत्र जाँच हो
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 7, 2018 09:08 AM2018-02-07T09:08:03+5:302018-02-07T09:24:50+5:30
सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को हुई थी। मृत्यु के समय वो सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसमें अमित शाह आरोपी थे। शाह बाद में बरी हो गये थे।
विपक्षी राजनीतिक दल सीबीआई की विशेष अदालत के दिवंगत जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जाँच कराने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। विपक्षी दलों ने मंगलवार (सात फरवरी) को ये फैसला लिया। जज लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को हुई थी। मौत के समय वो सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले में बीजेपी नेता अमित शाह भी आरोपी थे जो इस समय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने बाद में अमित शाह को मामले से बरी कर दिया था। जज लोया की मौत की जाँच कराने से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस पीआईएल की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ कर रही है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने एक तीन पन्ने का पत्र तैयार किया है जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजा जाएगा। कांग्रेस समेत कई दलों के सांसदों ने इस पत्र पर दस्तखत किए हैं। इस पत्र में जज बीएच लोया की मौत की जाँच सीबीआई और एनआईए को छोड़कर स्वतंत्र रूप से करानी की माँग की गयी है। इस पत्र में जज लोया की मौत की जाँच में एक अन्य जज और एक वकील की मौत की जाँच को शामिल करने की माँग की गयी है। हाल ही में कारवा पत्रिका ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें दावा किया गया था कि जज लोया के दो करीबियों की भी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी।
कारवाँ पत्रिका ने नवंबर में एक स्टोरी पब्लिश की थी जिसमें जज लोया की मौत पर सवाल उठाए गये थे। रिपोर्ट में जज लोया की बहन और पिता के बयान के हवाले से उनकी मृत्यु की परिस्थियों को संदिग्ध बताया गया था। हालाँकि बाद जज लोया के बेटे और परिवार ने मीडिया के सामने आकर कहा था कि उन्हें जज लोया की मौत को लेकर कोई संदेह नहीं है। कारवाँ की रिपोर्ट के आने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज लोया की मौत की जाँच कराने से जुड़ी याचिकाएँ डाली गईं।