उद्धव ठाकरे सरकार के फैसले का विरोध, महाराष्ट्र की 9 हजार ग्राम पंचायतें सीधे चुनाव रद्द करने के खिलाफ
By भाषा | Published: January 27, 2020 03:44 PM2020-01-27T15:44:52+5:302020-01-27T15:44:52+5:30
महाराष्ट्र राज्य सरपंच परिषद के अध्यक्ष दत्ता काकडे ने सोमवार को कहा, “करीब नौ हजार ग्राम पंचायतों ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें सदस्य अपने बीच से सरपंच का चुनाव कर सकते हैं।”
महाराष्ट्र में करीब नौ हजार ग्राम पंचायतों ने सरपंच पद के सीधे चुनावों के नियम को रद्द करने के उद्धव ठाकरे सरकार के फैसले का विरोध किया है।
नए नियम के मुताबिक ग्राम पंचायत के लिये चुने गए लोग अपने बीच से सरपंच का चुनाव करेंगे। महाराष्ट्र राज्य सरपंच परिषद के अध्यक्ष दत्ता काकडे ने सोमवार को कहा, “करीब नौ हजार ग्राम पंचायतों ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें सदस्य अपने बीच से सरपंच का चुनाव कर सकते हैं।”
सरपंचों के सीधे चुनाव का नियम भाजपा के नेतृत्व वाली देवेंद्र फड़नवीस की पूर्ववर्ती सरकार लेकर आई थी। फड़नवीस मंत्रिमंडल ने तीन जुलाई 2017 को महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1958 के संबंधित नियम में संशोधन का फैसला किया था। इस नियम के तहत सरपंचों का चुनाव सीधे गांव के लोगों के बीच से हो सकता था।
गौरतलब है कि उस वक्त सरकार का हिस्सा रही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना इस कदम से सहमत नहीं थी।