यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करे कि वह नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा, सुशील मोदी ने दी चुनौती

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 24, 2023 10:01 PM2023-05-24T22:01:13+5:302023-05-24T22:02:55+5:30

सुशील मोदी ने कहा है कि यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करे कि वह भारतीय अस्मिता और गौरव के प्रतीक नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय जयराम रमेश नया संसद भवन बनाने की जरूरत बता रहे थे। जब एनडीए सरकार ने सेंट्रल विस्टा बनाने का निर्णय किया, तब कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई।

opposition should declare that it will never participate in the proceedings of the new Parliament House Sushil Modi | यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करे कि वह नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा, सुशील मोदी ने दी चुनौती

बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी

Highlightsसंसद के नए भवन के उद्घाटन से जुड़े विवाद पर सुशील मोदी का बयानविपक्ष के विरोध को इर्ष्या का परिणाम बतायानये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेने की चुनौती दी

नई दिल्ली: संसद के नए भवन के उद्घाटन से जुड़े विवाद के बीच बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का बयान आया है। 19 विपक्षी दलों द्वारा उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने पर सुशील मोदी ने कहा है कि यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करे कि वह भारतीय अस्मिता और गौरव के प्रतीक नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि  17 साल में उन्होंने कितने सरकारी भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया?

सुशील मोदी ने कहा, "पटना में विधानमंडल के नए भवन का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया था और किसी ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया था। यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करे कि वह भारतीय अस्मिता और गौरव के प्रतीक नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा। जिन लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया और अपशब्द तक कहे थे, उन्हें आज आदिवासी सम्मान की बड़ी चिंता हो रही है। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुराने संसद भवन की एनेक्सी का उद्घाटन किया था। कांग्रेस को कभी राष्ट्रपति की याद क्यों नहीं आई?"

सुशील मोदी ने कहा, "आधुनिक सुविधाओं से लैस नए संसद भवन का उद्घाटन महान स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर हो रहा है। यूपीए सरकार के समय जयराम रमेश नया संसद भवन बनाने की जरूरत बता रहे थे। जब एनडीए सरकार ने सेंट्रल विस्टा बनाने का निर्णय किया, तब कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई।"

सुशील मोदी से पहले असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। असम के मुख्यमत्री ने उदाहरण भी दिया।  उन्होंने कहा कि 2014 में झारखंड और आसाम में यूपीए के मुख्यमंत्रियों ने विधानभवनों का उद्घाटन किया था और राज्यपाल या राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं दिया गया था। 2018 में आंध्र के सीएम ने नए विधानभवन का उद्घाटन किया था और राज्यपाल को नहीं बुलाया गया। 2020 में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ के विधानभवन का शिलान्यास किया था।2023 में तेलंगाना असेंबली का उद्घाटन मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया था। तब भी  राज्यपाल को नहीं बुलाया गया था

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को दोपहर 12 बजे से हवन पूजन के साथ नव निर्मित नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहेंगे। पिछले दिनों  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाते हुए मांग की थी कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस को अन्य पार्टियों का साथ भी मिला है।

Web Title: opposition should declare that it will never participate in the proceedings of the new Parliament House Sushil Modi

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