सोनिया के नेतृत्व में फिर लामबंद हो रहा संपूर्ण विपक्ष! 23 को रात्रिभोज में तय होगी रणनीति
By शीलेष शर्मा | Published: May 17, 2019 07:53 AM2019-05-17T07:53:31+5:302019-05-17T07:53:31+5:30
लोकसभा चुनाव 2019ः चुनाव परिणाम के बाद के समीकरणों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एकबार फिर मोर्चा संभाल लिया है...
लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की संभावना के मद्देनजर विपक्ष फिर लामबंद हो रहा है. मतगणना दिवस यानी 23 मई को संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने सभी संप्रग घटक दलों और भाजपा विरोधी सभी पार्टियों के नेताओं को रात्रिभोज का निमंत्रण दिया है. समझा जाता है कि इसके पहले सभी दलों की बैठक हो सकती है. संप्रग के सहयोगी दल आरएपी के सांसद एन.के. प्रेमचंदन ने संकेत दिए कि संप्रग ने समूचे विपक्ष से राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत किया है.
कांग्रेस कानूनविदों से परामर्श कर रही है कि राष्ट्रपति किन-किन परिस्थितियों में किस दल या समूह को सरकार बनाने का आमंत्रण दे सकते हैं. पवार-नायडू को जिम्मा सूत्रों के अनुसार राकांपा प्रमुख शरद पवार और तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू अन्य विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल विभिन्न दलों से लगातार संंपर्क बनाए हुए हैं. राजद के तेजस्वी यादव और द्रमुक प्रमुख एम.के स्टालिन ने न्यौता मिलने की पुष्टि की है.
समझा जाता है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के अलावा बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, तेरास मुखिया के. चंद्रशेखर राव, आंध्रप्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी से भी कांग्रेस नेता संपर्क में हैं. पटनायक, राव और रेड्डी से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ चर्चा कर रहे हैं. ममता की ओर से सकारात्मक संकेत हैं.
जगन-केसीआर कहां?
तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू कांग्रेस के साथ है, पर वाईएसआर और तेरास, उनके कट्टर विरोधी हैं. लिहाजा, सवाल है कि वे एक मंच पर आएंगे क्या? बॉक्स भाजपा को बहुमत नहीं कांग्रेस के आंतरिक सर्वे से स्पष्ट हो रहा है कि छह दौर के मतदान के बाद भाजपा अथवा राजग को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है. इसके बाद सोनिया गांधी ने बैठक में भाजपा विरोधी पार्टियों की विपक्षी गठबंधन में भूमिका पर विचार-विमर्श किया जाएगा.