चुनाव आयोग ने विपक्ष की मांग की खारिज, ईवीएम के मतों से पहले नहीं होगी वीवीपैट पर्चियों की गिनती
By भाषा | Published: May 22, 2019 10:55 PM2019-05-22T22:55:55+5:302019-05-22T22:55:55+5:30
तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में कांग्रेस सहित 22 दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग से वीवीपैट की पर्चियों की गिनती, ईवीएम के मतों की गिनती से पहले करने और ईवीएम तथा वीवीपैट के मतों की गिनती में अंतर पाये जाने पर पूरे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने की मांग की थी।
चुनाव आयोग ने ईवीएम के मतों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों को गिनने की विपक्षी दलों की मांग को अव्यवहारिक बताते हुये कहा है कि मतगणना, पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही होगी, जिसके तहत ईवीएम के मतों की पहले और वीवीपैट की पर्चियों को बाद में गिना जायेगा।
आयोग की ओर से बुधवार को जारी बयान के अनुसार, विपक्षी दलों की मांग पर आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने दो दौर के गहन विचार विमर्श के बाद यह फैसला किया है। आयोग ने दलील दी है कि विपक्षी दलों का सुझाव मानने पर मतगणना में अनावश्यक रूप से अधिक समय लगेगा। इससे चुनाव परिणाम के घोषित होने में भी देरी होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में कांग्रेस सहित 22 दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग से वीवीपैट की पर्चियों की गिनती, ईवीएम के मतों की गिनती से पहले करने और ईवीएम तथा वीवीपैट के मतों की गिनती में अंतर पाये जाने पर पूरे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने की मांग की थी।
मौजूदा व्यवस्था में ईवीएम के मतों का किन्हीं पांच मतदान केन्द्रों की वीवीपैट की पर्चियों से मिलान मतगणना के बाद किया जाता है। इसी तरह ईवीएम के मतों की गिनती से वीवीपैट की पर्चियों का मिलान नहीं होने पर वीपीपैट की पर्चियों की संख्या को ही मतगणना में शामिल किया जाता है। आयोग ने विपक्षी दलों के सुझाव को अस्वीकार करते हुये कहा है कि मौजूदा व्यवस्था के तहत ही बृहस्पतिवार को मतगणना होगी। विपक्षी दलों ने मांग की थी कि ईवीएम के मतों से वीवीपैट की पर्चियों के मिलान में अंतर पाये जाने पर संबद्ध विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान किया जाये। इसे अस्वीकार करते हुये आयोग ने दलील दी है कि ऐसा करने से मतगणना में बहुत अधिक देरी होगी।
इसके मद्देनजर आयोग ने उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही मतगणना कराये जाने का फैसला किया है। इसके अलावा आयोग ने डाक मतपत्रों के साथ ही ईवीएम के मतों की भी गिनती कराने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय और राज्य पुलिस बल, सशस्त्र बल और विदेशों में तैनात राजनयिकों एवं कर्मचारियों (सर्विस वोटर) के मतदान में इस्तेमाल किये जाने वाले डाक मतपत्रों की गिनती के साथ ही मतगणना शुरु होती है। इसके बाद ईवीएम के मतों की गिनती होती है। आयोग ने सात चरण में संपन्न हुये मतदान में अत्यधिक संख्या में (16.49 लाख) डाक मतपत्र मिलने के कारण मतगणना को विलंबित होने से बचाने के लिये डाक मतपत्रों के साथ ही ईवीएम के मतों की भी गिनती कराने की व्यवस्था की है।