सिर्फ 36 राफेल खरीदकर सरकार ने किया राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता, जेपीसी जांच जरूरी: चिदंबरम
By भाषा | Published: January 18, 2019 03:58 PM2019-01-18T15:58:16+5:302019-01-18T15:58:16+5:30
उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को प्रति विमान 186 करोड़ रुपये अधिक देने होंगे।
नयी दिल्ली, 18 जनवरी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वायुसेना की 126 लड़ाकू विमानों की जरूरत को नकार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और इस मामले में जेपीसी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी तो सरकार सरकार सिर्फ 36 राफेल विमान क्यों खरीद रही है? उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को प्रति विमान 186 करोड़ रुपये अधिक देने होंगे।
उन्होंने यह मांग दोहराई कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से राफेल मामले की जांच होनी चाहिए। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, 'राफेल मामले में संबंधित बातचीत के दल ने 4 -3 से फैसला किया। क्या किसी रक्षा सौदे में कभी ऐसा हुआ? ऐसा क्यों हुआ कि इस सौदे से जुड़े हर फैसले सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए 4-3 से किये गए?'
P. Chidambaram, Congress: We don't expect anything good from this govt, this is a countdown to the election, nothing that the govt will do in the next 60 days can change the state of the economy. The state of the economy is perilous, every indicator is worrisome. pic.twitter.com/QHfub6nTRt
— ANI (@ANI) January 18, 2019
उन्होंने कहा, 'इस मामले की गहन जांच जेपीसी से होनी चाहिए। हम जेपीसी जांच की मांग दोहराते हैं।' चिदंबरम ने कहा, 'ऑफसेट साझेदार के चयन पर सवालिया निशान है। एचएएल को दरकिनार किये जाने को लेकर सवाल है।'
राफेल विमान सौदे से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए चिदंबरम ने कहा, 'एक अखबार में आये नये तथ्यों और खुलासों के आलोक में, गंभीर और बड़ा सवाल ये है कि सरकार ने 36 राफेल विमान ही क्यों खरीदे, जबकि वायु सेना को 126 विमानों की जरूरत थी?' उन्होंने आरोप लगाया, 'सरकार ने वायु सेना की 7 स्क्वाड्रन (126 विमान) की सख्त जरूरत को नकार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है।"