सिर्फ 13% प्रवासी मजदूरों तक पहुंचा आवंटित मुफ्त राशन, राज्यों ने केंद्र से तो उठा लिया लेकिन वितरित नहीं किया!
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 2, 2020 07:13 AM2020-07-02T07:13:13+5:302020-07-02T07:17:52+5:30
11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने तो 1 प्रतिशत राशन भी आवंटित नहीं किया है। ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा।
अप्रैल, मई और जून के महीने में लॉकडाउन की करोड़ों प्रवासी मज़दूरों ने अपने गांव की ओर पलायन किया था। सरकार ने इनके लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों के हवाले से लिखा गया है कि केंद्र सरकार ने इसके लिए 8 लाख मीट्रिक टन राशन आवंटित किया था लेकिन सिर्फ 13 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों के हाथ में यह राशन पहुंचा है। प्रवासी मजदूरों की दयनीय दशा पर तमाम आलोचनाएं झेलने के बाद सरकार ने यह राशन जारी किया था।
कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के ताजा डेटा के मुताबिक केंद्र सरकार ने 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के लिए 5 किलो अनाज देने का प्रबंध किया जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। जिसमें से केवल 2 करोड़ 13 लाख लोगों को (मई में 1.21 करोड़, जून में 92.33 लाख) फायदा पहुंचा है। इस पैकेज के ऐलान के वक्त वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ये 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 6.38 लाख मीट्रिन टन राशन उठा लिया जो कि कुल 8 लाख मीट्रिक टन का 80 प्रतिशत है। लेकिन 30 जून तक राज्यों ने सिर्फ 1.07 लाख मीट्रिन टन (आवंटित राशि का सिर्फ 13 प्रतिशत) राशन का ही वितरण किया है।
दो महीने के कोटे का पूरा राशन उठा लेने के बावजूद कई राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन का वितरण नहीं किया है। कम से कम 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने कोटे का 100 प्रतिशत राशन उठा लिया लेकिन उनमें से किसी ने भी पूरा राशन वितरण नहीं किया है।
सबसे ज्यादा राशन (1,42,033 मीट्रिक टन) उत्तर प्रदेश को आवंटित किया था जिसमें उसने 1,40,637 मीट्रिन टन राशन उठा लिया। लेकिन राज्य ने भी अभी तक कुल 3,324 मीट्रिक टन राशन का वितरण किया है जो कि कुल मात्रा का महज 2.03 प्रतिशत है।
इसी प्रकार बिहार ने भी अपने कोटे का 100 प्रतिशत (86,450 मीट्रिक टन) राशन उठा लिया लेकिन सिर्फ उसका 2.13 प्रतिशत ही जरूरतमंदों को पहुंचाया है। 11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने तो 1 प्रतिशत राशन भी आवंटित नहीं किया है। ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा।