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के पी ओली के अयोध्या वाले बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत की सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत दुनियाभर में मशहूर

By भाषा | Updated: July 17, 2020 04:10 IST

वहीं बीते दिनों नेपाल का पुरातत्व विभाग देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित थोरी में खुदाई और अध्ययन शुरू करने की योजना बना रहा है। यह कदम ऐसे वक्त उठाया जा रहा है जब पिछले दिनों प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने दावा किया था कि भगवान राम का ‘असली जन्मस्थान’ थोरी है ।

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ठळक मुद्देविदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत दुनियाभर में मशहूर है। श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि नेपाली विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी कर चुका है

नयी दिल्ली: अयोध्या और भगवान राम को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा के विवादित बयान के कुछ दिन बाद बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत दुनियाभर में मशहूर है।

ओली के बयान के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ''हमारे देश की प्रगाढ़ और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत दुनियाभर में मशहूर है।'' श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि नेपाली विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी कर चुका है, लिहाजा वह इस मामले पर अब कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।

वहीं बीते दिनों नेपाल का पुरातत्व विभाग देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित थोरी में खुदाई और अध्ययन शुरू करने की योजना बना रहा है। यह कदम ऐसे वक्त उठाया जा रहा है जब पिछले दिनों प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने दावा किया था कि भगवान राम का ‘असली जन्मस्थान’ थोरी है । हालांकि, इस ‘‘निराधार और अप्रासंगिक’’ टिप्पणी के लिए विभिन्न दलों के नेताओं ने ओली की आलोचना की है। ओली ने कहा था कि बीरगंज के पास थोरी में भगवान राम का जन्म हुआ था और असली अयोध्या नेपाल में है ।

‘माय रिपब्लिका’ अखबार के मुताबिक, ओली की टिप्पणी के बाद पुरातत्व विभाग (डीओए) ने क्षेत्र में संभावित पुरातात्विक अध्ययन के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ चर्चा शुरू कर दी है । डीओए के प्रवक्ता राम बहादुर कुंवर के हवाले से बताया गया है , ‘‘बीरगंज के थोरी में पुरातात्विक अध्ययन शुरू करवाने की संभावना को लेकर विभाग विभिन्न मंत्रालयों के साथ चर्चा कर रहा है।’’ डीओए के महानिदेशक दामोदर गौतम ने बताया कि प्रधानमंत्री ओली के बयान के बाद विभाग थोरी में पुरातात्विक अध्ययन शुरू करवाने के प्रति गंभीर है ।

उन्होंने कहा, ‘‘विभाग विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगा और किसी नतीजे पर पहुंचेगा।’’ हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के ऐसे बयान के बाद अध्ययन करना हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन, मैं यह नहीं कह सकता कि हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि अयोध्या नेपाल में है।’’

टॅग्स :केपी ओली
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