माँ स्मिता पाटिल की 34वीं पुण्यतिथि पर प्रतीक बब्बर ने कहा: वह उनके भीतर हमेशा जिंदा रहेंगी

By भाषा | Updated: December 13, 2020 21:17 IST2020-12-13T21:17:51+5:302020-12-13T21:17:51+5:30

On the 34th death anniversary of Mother Smita Patil, Prateek Babbar said: She will always be alive within him | माँ स्मिता पाटिल की 34वीं पुण्यतिथि पर प्रतीक बब्बर ने कहा: वह उनके भीतर हमेशा जिंदा रहेंगी

माँ स्मिता पाटिल की 34वीं पुण्यतिथि पर प्रतीक बब्बर ने कहा: वह उनके भीतर हमेशा जिंदा रहेंगी

मुंबई, 13 दिसंबर अभिनेता प्रतीक बब्बर ने रविवार को अपनी दिवंगत अभिनेत्री-मां स्मिता पाटिल की 34वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें "आदर्श महिला और रोल मॉडल" के रूप में याद किया।

अब तक की सबसे प्रतिभाशाली भारतीय अभिनेत्रियों में शामिल पाटिल का 31 वर्ष की आयु में प्रसव संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया था। उन्होंने अपने काम की एक समृद्ध विरासत को पीछे छोड़ा है। एक दशक से अधिक के करियर में उन्होंने "मंथन", "भूमिका", "चक्र", "अर्थ", "बाजार"और "मिर्च मसाला" जैसी बेहतरीन फिल्में कीं।

पाटिल और उनके पति, अभिनेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर के बेटे प्रतीक बब्बर ने अपनी मां को इंस्टाग्राम पर याद करते हुए एक मार्मिक पत्र साझा किया।

उन्होंने उसमें लिखा है, ‘‘आज से 34 साल पहले मेरी माँ हमें छोड़कर चली गईं। वर्षों से मैंने अपने दिमाग और दिल में उनकी कल्पना करने और उनकी उत्कृष्ट छवि बनाने की कोशिश की है। हम एक बहुत ही खास मुकाम, बहुत ही उत्कृष्ट जगह पर पहुंचे हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘अब वह संपूर्ण माँ, संपूर्ण महिला, उत्कृष्ट रोल मॉडल हैं, जो हर छोटे लड़कों की आँखों का तारा होती है। एक ऐसी माँ जिसे हर छोटा लड़का आदर्श मानता है और उनके जैसा बनना चाहता है। वह जो कभी आपका साथ नहीं छोड़ेगी। काल के अंत तक हमेशा आपके साथ रहेगी।’’

‘‘जाने तू ... या जाने ना" और "छिछोरे" जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले 34 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ‘‘वह मेरे साथ, मेरे भीतर, अनंत काल तक और उससे भी आगे, मेरे साथ रहेंगी। मेरी प्यारी मां।’’

राज बब्बर ने भी सोशल मीडिया पर पाटिल को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने लिखा, "तुम सिर्फ 31 साल की थीं, जब हमें छोड़कर चली गईं। तुम्हारे साथ बिताए गए कुछ ही समय में तुम इतनी अमिट छाप छोड़ गए कि तुम्हारी अनुपस्थिति पर विश्वास करना आसान नहीं होता है।’’

पाटिल समानांतर सिनेमा के प्रमुख सितारों में से एक थीं। उन्होंने हिंदी, मराठी, गुजराती, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में 80 से अधिक फिल्मों में काम किया था।

उन्हें 1985 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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Web Title: On the 34th death anniversary of Mother Smita Patil, Prateek Babbar said: She will always be alive within him

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