गेहूं निर्यात पर चीनी मीडिया ने भारत का पक्ष लिया, जी-7 देशों को लगाई लताड़, कहा- भारत को दोष देना कोई समाधान नहीं

By विशाल कुमार | Published: May 16, 2022 02:57 PM2022-05-16T14:57:06+5:302022-05-16T15:03:42+5:30

पिछले हफ्ते भारत सरकार ने अपनी गेहूं की निर्यात नीति में संशोधन करते हुए उसके निर्यात पर रोक लगा दी है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

on-indias-wheat-export-curb-chinese-medias-support-after-g7-criticism | गेहूं निर्यात पर चीनी मीडिया ने भारत का पक्ष लिया, जी-7 देशों को लगाई लताड़, कहा- भारत को दोष देना कोई समाधान नहीं

गेहूं निर्यात पर चीनी मीडिया ने भारत का पक्ष लिया, जी-7 देशों को लगाई लताड़, कहा- भारत को दोष देना कोई समाधान नहीं

Highlightsभारत ने अपनी गेहूं की निर्यात नीति में संशोधन करते हुए उसके निर्यात पर रोक लगा दी है।चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि भारत को दोष देने से खाद्य समस्या का समाधान नहीं होगा।जी-7 राष्ट्र अपने निर्यात में वृद्धि करके खाद्य बाजार की आपूर्ति को स्थिर करने के लिए स्वयं कदम क्यों नहीं उठाते हैं?

बीजिंग:भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की जी-7 देशों द्वारा की जा रही आलोचना पर रविवार को चीन ने भारत का बचाव किया और कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों को दोष देने से वैश्विक खाद्य संकट का कोई समाधान नहीं निकलेगा।

पिछले हफ्ते भारत सरकार ने अपनी गेहूं की निर्यात नीति में संशोधन करते हुए उसके निर्यात पर रोक लगा दी है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसके बाद कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे जी-7 देशों ने भारत के इस कदम की आलोचना की थी। हालांकि, चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत को दोष देने से खाद्य समस्या का समाधान नहीं होगा।

ग्लोबल टाइम्स की संपादकीय में कहा गया कि अब जी-7 के कृषि मंत्री भारत से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाने का आग्रह करते हैं, तो जी-7 राष्ट्र अपने निर्यात में वृद्धि करके खाद्य बाजार की आपूर्ति को स्थिर करने के लिए स्वयं कदम क्यों नहीं उठाते हैं?

आगे कहा गया कि हालांकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है, लेकिन यह वैश्विक गेहूं निर्यात का केवल एक छोटा सा हिस्सा है। इसके विपरीत, अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया सहित कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाएं गेहूं के प्रमुख निर्यातकों में से हैं।

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, यदि कुछ पश्चिमी देश संभावित वैश्विक खाद्य संकट के मद्देनजर गेहूं के निर्यात को कम करने का निर्णय लेते हैं, तो वे भारत की आलोचना करने की स्थिति में नहीं होंगे, एक ऐसा देश जो अपनी खाद्य आपूर्ति को सुरक्षित करने के दबाव का सामना कर रहा है।

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