राहुल गांधी ने वायनाड या रायबरेली में से किसी एक को चुनने पर कहा, "मुझे छोड़कर इसका जवाब हर किसी के पास है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 13, 2024 05:30 AM2024-06-13T05:30:49+5:302024-06-13T07:26:25+5:30
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड या रायबरेली चुनने के सवाल पर कहा कि उनके अलावा हर कोई इसका उत्तर जानता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कौन सा निर्वाचन क्षेत्र चुनते हैं, लोग उनके फैसले से खुश होंगे।
वायनाड: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संसद सदस्य के रूप में किस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहिए, इस बारे में अपनी दुविधा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके अलावा हर कोई इसका उत्तर जानता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कौन सा निर्वाचन क्षेत्र चुनते हैं, लोग उनके फैसले से खुश होंगे।
राहुल गांधी ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली लोकसभा सीटें जीतीं। केरल के वायनाड में एक सार्वजनिक बैठक में कांग्रेस नेता ने कहा, "बहुत से लोग अटकलें लगा रहे हैं, वायनाड या रायबरेली। मेरे अलावा हर कोई इसका जवाब जानता है। चिंता न करें, रायबरेली और वायनाड दोनों मेरे फैसले से खुश होंगे।"
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि भाजपा अयोध्या और उत्तर प्रदेश में हार गई क्योंकि वे भारत के विचार पर हमला कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "भाजपा अयोध्या में हार गई, वे उत्तर प्रदेश में हार गए। वे हार गए क्योंकि वे भारत के विचार पर हमला कर रहे थे। हमारे संविधान में, भारत को राज्यों का संघ कहा गया है। भारत एक संघ है, जहां राज्यों की भाषाओं, इतिहास, संस्कृति, धर्म और परंपराएं हैं।"
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि जब हमने चुनाव शुरू किया था, तो इंडिया गठबंधन के खिलाफ पूरा मीडिया, पूरा प्रशासन, ईडी और सीबीआई थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग ने चुनाव को प्रधानमंत्री के अनुरूप तैयार किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "जब हमने चुनाव शुरू किया, तो बीजेपी का समर्थन करने वाले मीडिया ने कहा कि उन्हें 400 सीटें मिलेंगी। पीएम और सभी वरिष्ठ नेता '400 पार' कह रहे थे। एक महीने के बाद 300 पार और कुछ समय बाद 200 पार। इंडिया गठबंधन पूरा मीडिया, पूरा प्रशासन, ईडी और सीबीआई हमारे खिलाफ थे, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के अनुरूप चुनाव की रूपरेखा तैयार की थी।''
मालूम हो कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जो 2019 की 303 सीटों से काफी कम है। दूसरी ओर कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर मजबूत सुधार दर्ज किया। जहां भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 292 सीटें जीतीं, वहीं इंडिया ब्लॉक ने कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए और सभी पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए 230 का आंकड़ा पार कर लिया।