1 बकरी, 2 गाय और 3 साड़ियां दहेज में नहीं मिलीं, गांववालों ने शख्स को नहीं करने दिया पत्नी का अंतिम संस्कार

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: August 17, 2019 01:42 PM2019-08-17T13:42:01+5:302019-08-17T14:03:54+5:30

ग्रामीणों ने शख्स को पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने से तीन दिन तक इसलिए रोके रखा क्योंकि उसकी ससुराल से दहेज में दो गया, एक बकरी और तीन साड़ियां नहीं मिली थीं।

Odisha: Man not allowed to cremate wife even after 3 days as woman family did not give dowry | 1 बकरी, 2 गाय और 3 साड़ियां दहेज में नहीं मिलीं, गांववालों ने शख्स को नहीं करने दिया पत्नी का अंतिम संस्कार

तीन दिन बाद पुलिस के हस्तक्षेप से महिला का अंतिम संस्कार हो सका। (फोटो- एएनआई)

Highlightsउड़ीसा के इस गांव में दहेज की अजब परंपरा ने शख्स को पत्नी का अंतिम संस्कार करने से रोकाग्रामीणों ने तीन दिन तक शख्स को नहीं करने दिया पत्नी का अंतिम संस्कार, पुलिस के हस्तक्षेप से समस्या सुलझी

ओडिशा के मयूरभांज के कुचेई गांव का एक अजब मामला सामने आया है। यहां एक शख्स को उसी की पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया गया। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, ग्रामीणों ने शख्स को पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने से तीन दिन तक इसलिए रोके रखा क्योंकि उसकी ससुराल से दहेज में दो गया, एक बकरी और तीन साड़ियां नहीं मिली थीं। यह दहेज स्थानीय परंपरा का हिस्सा बताया जा रहा है। महिला के शव का अंतिम संस्कार तब हो सका जब पुलिसवालों ने मामले में हस्तक्षेप किया। 

अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है मामला कुचेई गांव के संथल आदिवासी समाज का है। यह इलाका कुलिआना पुलिसथाने के अंतर्गत आता है। ग्रामीणों ने कांद्रा सोरेन नाम का पत्नी का अंतिम संस्कार करने में साथ नहीं दिया क्योंकि उसके ऊपर आदिवासी  सामाज ने दंड लगाया गया था। इसके अनुसार कांद्रा सोरेन को एक बकरी, तीन मुर्गियां, 15 किलो चावल और दो बर्तन भरकर देसी शराब का जुर्माना गांववालों को देना था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि सोरेन के पिता ने दशकों पहले अपनी जाति से बाहर शादी की थी।  


यह भी कहा जा रहा है कि सोरेन ने संथल समाज की परंपरा को ठेंगा दिखाते हुए शादी की थी। परंपरा के मुताबिक, दूल्हा शादी के समय ससुरालवालों को एक गाय या बैल उपहार में देता है। सोरेन ने प्रेम विवाह किया था और कोई उपहार नहीं दिया था। सोरेन पेशे से दिहाड़ी मजदूर है इसलिए जुर्माना भरने में असमर्थता जताई, नतीजतन गांववालों ने उसका साथ नहीं दिया। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीमारी के चलते सोरेन की पत्नी का निधन 14 अगस्त को हो गया था। 

बता दें कि दहेज प्रथा को गैर-कानूनी करार दिए अर्सा हो गया है लेकिन अब इसके लेन-देन के मामले सामने आते रहते हैं। भारत में इस कुप्रथा के खिलाफ दहेज निषेध अधिनियम, 1961 अमल में है। जिसके अनुसार दहेज का लेन-देन अपराध है और ऐसा करने पर पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान है।

Web Title: Odisha: Man not allowed to cremate wife even after 3 days as woman family did not give dowry

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