नूपुर शर्मा विवाद: अखिलेश यादव ने थाने की पिटाई का वीडियो ट्वीट करके उठाया सवाल, कहा, "उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ़ खो देगा अपना इक़बाल"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 12, 2022 09:31 PM2022-06-12T21:31:50+5:302022-06-12T21:37:33+5:30
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पैगंबर विवाद के मामले में हुए विरोध प्रदर्शन के खिलाफ हो रही पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ योगी सरकार को घेरने की कोशिश की।
लखनऊ: पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी के निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान ने विरोध में न केवल लोग सत्ताधारी पार्टी का विरोध कर रहे हैं, बल्कि इस मामले में विपक्षी राजनीतिक दल भी नैतिकता की दुहाई देते हुए भाजपा की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए योगी सरकार को घेरने की कोशिश की। दरअसल इस विवाद के बाद उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद योगी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए कड़े कदम उठाये हैं।
यूपी के कानपुर से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन प्रयागराज सहित कई जिलों में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने मामले में सख्ती दिखाते हुए इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस दौरान पुलिस थाने के कुछ ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन्हें लेकर विपक्षी दल योगी सरकार से खासे नाराज नजर आ रहे हैं।
इसी क्रम में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल से यूपी पुलिस द्वारा थाने में की जा रही लोगों की पिटाई का एक वीडियो शेयर करते हुए प्रदेश सरकार और पुलिस व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है।
अखिलेश यादव ने जिस वीडियो को शेयर किया है उसमे देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी थाने के भीतर लोगों को लाठी से पकड़े गये लोगों की पिटाई कर रहे हैं। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा है, "उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ़ खो देगा अपना इक़बाल, यूपी हिरासत में मौतों के मामले में नंबर वन है, यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल, यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे है"
उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 11, 2022
नहीं तो इंसाफ़ खो देगा अपना इक़बाल
- यूपी हिरासत में मौतों के मामले में न. 1
- यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल
- यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे pic.twitter.com/BCGn93LO49
इसके बाद अखिलेश यादव ने दूसरे ट्वीट में लिखा, "ये कहां का इंसाफ़ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख़्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोज़र से सज़ा दी जा रही है।"
ये कहाँ का इंसाफ़ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख़्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जाँच पड़ताल बुलडोज़र से सज़ा दी जा रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 12, 2022
इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान। pic.twitter.com/DwnSfNXCnf
इस घटना के संबंध में अखिलेश यादव ने अगला ट्वीट करते हुए लिखा, "अब अजायब-घर में ले जाकर रख दो ‘इंसाफ़ की तराज़ू’ को और कर दो ऐलान हुक्मरानों ने ही ले लिया है क़ानून हाथों में"
अब अजायब-घर में ले जाकर रख दो ‘इंसाफ़ की तराज़ू’ को
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 12, 2022
और कर दो ऐलान हुक्मरानों ने ही ले लिया है क़ानून हाथों में
मालूम हो कि यूपी सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की जा रही सख्त कार्रवाई के मामले में भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने ट्वीट किया है। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों गोरखपुर से हारने वाले चंद्रशेखर लिखते हैं, "भाजपा शासन में बुलडोज़र सिर्फ मकानों को ध्वस्त नहीं कर रहा है, बल्कि संविधान और अदालत को भी तार-तार कर रहा है। सवाल यह है कि जिनके मकान ध्वस्त किये गए हैं, कल अगर वे अदालत से बरी हो जाते हैं, तब उनके मकानों को तोड़ने वाले अधिकारियों से उनके नुक़सान की वसूली की जाएगी?"
वहीं सपा के साथ विपक्ष में साझेदारी कर रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी इस मामले में बयान देते हुए कहा कि अगर भाजपा नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पहले ही गिरफ्तार कर ली होती तो यूपी में इस तरह की हिंसा नहीं होती।
राजभर ने कहा कि जिन लोगों ने विवादास्पद टिप्पणी की है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और निर्दोष लोगों का उत्पीड़न बंद किया जाना चाहिए। यूपी पुलिस इस मामले में जिस तरह से कार्रवाई कर रही है, उससे लग रहा है कि सरकार एक पक्ष को निशाना बना रहा है।