मुंबई में फंस गया था ISI के पूर्व प्रमुख का बेटा, पाक ने मांगी मदद तो RAW ने दिया दिल छूने वाला जवाब
By कोमल बड़ोदेकर | Published: May 21, 2018 09:52 AM2018-05-21T09:52:10+5:302018-05-21T09:52:10+5:30
पाकिस्तान के इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी का मानना है कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ उनके अनुभवों ने उन्हें इतना ज्यादा प्रभावित किया है कि देश के मुद्दों कों आयरन फीस्ट (लोहे की छड़/मुट्ठी) से निपटाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, 21 मई। पाकिस्तान के इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी का मानना है कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ उनके अनुभवों ने उन्हें इतना ज्यादा प्रभावित किया है कि देश के मुद्दों कों आयरन फीस्ट (लोहे की छड़/मुट्ठी) से निपटाया जाना चाहिए। दरअसल दुर्रानी ने डोभाल के अलावा भारत खुफिया एजेंसी रॉ के अपने अनुभवों को एक नई किताब "द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई और द इल्यूशन ऑफ पीस" में साझा किया है।
इस किताब को लेखक और पत्रकार आदित्य सिन्हा ने दुर्रानी और पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दुलत के साथ मिलकर लिखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये किताब इसी हफ्ते दिल्ली में लॉन्च होने वाली है, लेकिन दुर्रानी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि उन्हें अब तक भारत की ओर से वीजा नहीं दिया गया है।
इस किताब में दुर्रानी ने एक ऐसा किस्सा शेयर किया है जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व चीफ असद दुर्रानी के बेटे जब भारत में एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच जांच प्रक्रिया में फंस गए थे तब भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने उन्हें भारत से वापस सुरक्षित निकालने में मदद की थी।
द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई ऐंड द इल्युशन ऑफ पीस
दुर्रानी ने इस घटना का जिक्र आने वाली किताब- द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई ऐंड द इल्युशन ऑफ पीस में शेयर किया है। इस किताब को दो स्पाईमास्टर्स, लेखक और पत्रकार आदित्य सिन्हा ने लिखा है। इस किताब के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व डायेक्टर जनरल असद दुर्रानी और भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व सेक्रटरी ए. एस. दुलत ने घटना को फिर से याद किया।
ये है पूरा मामला
दरअसल, मई 2015 में असद दुर्रानी के बेटे ओस्मान एक जर्मन कंपनी के काम के सिलसिले में केरल गए थे। नियमों के मुताबिक ओस्मान को कोच्चि से वापस जाना था लेकिन उनके ऑफिस ने उनकी वापसी की टिकट मुंबई एयरपोर्ट से बुक कर दी। इस घटना का जिक्र करते हुए असद दुर्रानी ने इस किताब में लिखा है 'हम बहुत घबराए हुए थे, हमें नहीं पता था कि अब क्या होगा? यहां तक कि उन लोगों (मुंबई स्पेशल ब्रांच) ने भी उसे (ओस्मान) को कुछ कहा भी नहीं, जैसे, आपके पास मुंबई के लिए वीजा नहीं है, तो आप यहां क्या कर रहे हैं, पकड़ो, अंदर करो। ऐसा हो सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद मेरी पत्नी और मुझे एक और चिंता सताने लगी कि तब क्या होगा अगर किसी ने यह कहा कि पूर्व आईएसआई चीफ का बेटा ओस्मान मुंबई के आसपास घूम रहा था, जो कि 26/11 (मुंबई आतंकी हमला) को भूला नहीं होगा।
रॉ प्रमुख ने दिया दिल छूने वाला जवाब
दुर्रानी को जब इस बात की खबर मिली कि उनके बेटे ओस्मान को हिरासत लिया गया है तो उन्होंने फौरन पूर्व प्रमुख दुलत को मदद के लिए फोन लगाया। दुलत ने रॉ चीफ रजिंदर खन्ना समेत कई लोगों को फोन कर घटना की जानकारी दी और मदद करने के लिए कहा। इसके बाद ओस्मान मुंबई से एक दिन बाद वापस लौट गया। इस किताब में इस पूरे घटनाक्रम का एक दिल छूने वाला हिस्सा भी शेयर किया गया है। दरअसल, जब उन्होंने रजिंदर को फोन करके उनकी मदद के लिए धन्यवाद कहा तो बदले में रॉ चीफ ने असद दुर्रानी से कहा- 'यह हमारी ड्यूटी है। आखिरकार, वह एक सहकर्मी है।'