प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम चेंज, सुषमा स्वराज भवन हुआ, एनआईएफएम का नाम अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 13, 2020 04:29 PM2020-02-13T16:29:41+5:302020-02-13T19:01:15+5:30
14 फरवरी को सुषमा स्वराज का जन्मदिन है। इस मौके पर विदेश मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्तान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए दो संस्थान का नाम बदल दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम), फरीदाबाद का नाम बदलकर अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) रखने का फैसला किया है।
दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र ‘प्रवासी भारतीय केंद्र’ का नामकरण ‘सुषमा स्वराज भवन’ करने का निर्णय लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पति को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का फैसला किया है।
यह निर्णय पूर्व विदेश मंत्री के सम्मान स्वरूप लिया गया है जो दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क और उनके प्रति करुणा के लिये जानी जाती थी। ये दोनों संस्थान राष्ट्रीय राजधानी में स्थित हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि हम सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं जिनका कल 68वां जन्मदिन है।
विदेश मंत्रालय परिवार को खास तौर पर उनकी कमी खलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ यह घोषणा करके हर्ष हो रहा है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट आफ फारेन सर्विस करने का निर्णय किया है।’’
जयशंकर ने कहा कि एक महान शख्सियत को सच्ची श्रद्धांजलि जो हमें प्रेरित करना जारी रखेंगी। वहीं, विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 14 फरवरी को सुषमा स्वराज का जन्मदिन है और उससे एक दिन पहले दोनों संस्थानों का नाम पूर्व विदेश मंत्री के नाम पर रखने का निर्णय किया गया है।
गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री का दायित्व संभाला था और उन्होंने भारतीय कूटनीति में मानवीय पहल और करुणा को समाहित करने का काम किया था। मंत्रालय के बयान के अनुसार, इन दोनों संस्थानों का नया नामकरण भारतीय कूटनीति में सुषमा स्वराज के ‘अमूल्य योगदान’ को सम्मान है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, साल 1993 में व्यय विभाग के तहत एक पंजीकृत संस्था के रूप में इसकी स्थापना की गई थी। एनआईएफएम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा भर्ती वित्त एवं लेखा सेवाओं के अधिकारियों के साथ भारतीय लागत लेखा सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षित करता है।
बयान में कहा गया, दिवंगत अरुण जेटली के दृष्टिकोण और योगदान के साथ इस संस्थान के सपने और आकांक्षाओं के बीच तालमेल कायम करते हुए , सरकार ने राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम) का नाम बदलकर अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान रखने का निर्णय लिया है। "
Delhi: Pravasi Bhartiya Kendra has been re-named as Sushma Swaraj Bhawan. pic.twitter.com/Rx7jDFBoLm
— ANI (@ANI) February 13, 2020