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क्या आप अमेरिका में जाकर बस सकते हैं? नहीं, तो फिर कोई भारत में आकर कैसे बस सकता है? पूरे देश में लागू होगा NRC: गृहमंत्री अमित शाह

By भाषा | Updated: September 19, 2019 05:43 IST

अमित शाह ने कहा समय की जरूरत है कि देश की जनता का एक राष्ट्रीय रजिस्टर बने। असम में अंतिम एनआरसी का प्रकाशन 31 अगस्त को किया गया था जिसमें राज्य के 19 लाख निवासियों के नाम नहीं हैं।

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ठळक मुद्देगृह मंत्री ने कहा कि एनआरसी का पूरा विस्तार राष्ट्रीय नागरिक पंजी है, नाकि राष्ट्रीय असम पंजी।उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह पूरे देश में लागू होना चाहिए और मेरा मानना है कि देश की जनता की एक सूची होनी चाहिए।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि पूरे भारत में एनआरसी लाया जाएगा और सभी अवैध प्रवासियों को वैध तरीकों से देश से बाहर कर दिया जाएगा। शाह ने यह भी कहा कि देश की जनता ने 2019 के आम चुनाव के फैसले के माध्यम से देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने पर अपनी मुहर लगा दी है। 

उन्होंने यहां हिंदी दैनिक हिंदुस्तान के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने अपने चुनाव घोषणापत्र में देश की जनता से वादा किया था कि केवल असम में नहीं बल्कि पूरे देश में हम एनआरसी लाएंगे और देश की जनता का एक रजिस्टर बनाएंगे तथा बाकी (अवैध प्रवासियों) लोगों के लिए कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी।’’ 

गृह मंत्री ने कहा कि एनआरसी का पूरा विस्तार राष्ट्रीय नागरिक पंजी है, नाकि राष्ट्रीय असम पंजी। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह पूरे देश में लागू होना चाहिए और मेरा मानना है कि देश की जनता की एक सूची होनी चाहिए।’’ 

शाह ने कहा कि असम में जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं आये हैं उन्हें विदेशी न्यायाधिकरणों के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है और असम सरकार ने उन लोगों के लिए वकील मुहैया कराने की भी व्यवस्था की है जो अपना पक्ष रखने के लिए वकीलों का शुल्क नहीं वहन कर सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरा पुरजोर विश्वास है कि एक भी ऐसा देश नहीं है जहां कोई भी जाकर बस सके। मैं आपसे पूछता हूं कि क्या आप अमेरिका में जाकर बस सकते हैं? आप नहीं बस सकते। तो फिर कोई भारत में कैसे आकर बस सकता है? सीधी सी बात है।’’ गृह मंत्री ने पूछा कि इसमें राजनीति कहां से आ गयी। 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप ब्रिटेन, नीदरलैंड या रूस जाकर बसने की कोशिश करते हैं तो कोई आपको अनुमति नहीं देगा। तो कोई भारत आकर कैसे बस सकता है। देश इस तरह नहीं चलते। समय की जरूरत है कि देश की जनता का एक राष्ट्रीय रजिस्टर बने।’’ असम में अंतिम एनआरसी का प्रकाशन 31 अगस्त को किया गया था जिसमें राज्य के 19 लाख निवासियों के नाम नहीं हैं।

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