बिहार में एक बीडीओ ने लागू किया NRC, पत्र हुआ वायरल
By एस पी सिन्हा | Published: February 1, 2020 07:05 AM2020-02-01T07:05:48+5:302020-02-01T07:05:48+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीडीओ का यह विवादित पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र अब बिहार के सियासी गलियारे में भी पहुंच चुका है. बताया जाता है कि पटना के मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने अपने ब्लॉक के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल के नाम से पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे हैं. यह पत्र 28 जनवरी को जारी हुआ है.
देश में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर भले ही बवाल मचा है लेकिन बिहार में एनआरसी को लागू कर दिये जाने का एक प्रमाण सामने आने से खलबली मच गई है. राजधानी पटना मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने तो एनआरसी को लागू करा दिया है. इतना ही नहीं, इस संबंध में उन्होंने पत्र भी जारी कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीडीओ का यह विवादित पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र अब बिहार के सियासी गलियारे में भी पहुंच चुका है. बताया जाता है कि पटना के मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने अपने ब्लॉक के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल के नाम से पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे हैं. यह पत्र 28 जनवरी को जारी हुआ है.
खास बात कि यह रिमाइंडर लेटर (पुनर्प्रेषित पत्र) है. पुनर्प्रेषित पत्र मरांची, मोर तथा रामपुर डुमरा स्कूल के नाम से जारी हुआ है. इस पत्र में यह भी कहा गया है कि इसके पहले 18 जनवरी को पत्र भेजा गया था. लेकिन 10 दिनों के बाद भी इस पर संज्ञान नहीं लिया गया. इस पत्र में तीनों प्राचार्यों को चेतावनी दी गई है कि वे 24 घटे के अंदर शिक्षकों के नाम भेजें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. मोकामा बीडीओ का यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
वहीं, यह पत्र फेसबुक व ट्विटर होते हुए पत्र राजनीतिक गलियारे में पहुंच गया है. इसे लेकर रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर दिया है. उन्होंने पत्र के माध्यम से एनआरसी के ज्वलंत मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नो एनआरसी पर सवाल दागे हैं. कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने की बात कहते हैं, तो दूसरी तरफ उनके अधिकारी अपने पत्र में एनआरसी पर आदेश दे रहे हैं. इसतरह से यह पत्र बिहार में एक नया राजनीतिक सरगर्मी को जन्म दे दिया है. हालांकि इस संबंध में कोई भी अधिकारी अधिकारिक तौर पर बयान देने को तैयार नही है.