संसद में मिली सेरोगेसी बिल को मंजूरीः अब कोई बेच नहीं सकता कोख, रिश्तेदारों से मांग सकता है

By भाषा | Published: December 20, 2018 11:32 AM2018-12-20T11:32:42+5:302018-12-20T11:38:36+5:30

हंगामे के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है और इसे ‘वाणिज्यिक सरोगेसी’ पर रोक लगाने और परिवारों में नि:संतान दंपतियों की सुविधा को ध्यान में रखने के लिए लाया गया है।

Now you will be able to accept the rent, surrogacy regulation bill, Lok Sabha approval | संसद में मिली सेरोगेसी बिल को मंजूरीः अब कोई बेच नहीं सकता कोख, रिश्तेदारों से मांग सकता है

संसद में मिली सेरोगेसी बिल को मंजूरीः अब कोई बेच नहीं सकता कोख, रिश्तेदारों से मांग सकता है

विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच लोकसभा ने बुधवार को ‘सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को मंजूरी दे दी । इसमें देश में वाणिज्यिक उद्देशयों से जुड़ी किराये की कोख (सरोगेसी) पर रोक लगाने, सरोगेसी पद्धति का दुरूपयोग रोकने के साथ नि:संतान दंपतियों को संतान का सुख दिलाना सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है ।

हंगामे के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है और इसे ‘वाणिज्यिक सरोगेसी’ पर रोक लगाने और परिवारों में नि:संतान दंपतियों की सुविधा को ध्यान में रखने के लिए लाया गया है।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक में एनआरआई दंपतियों को भी शामिल किया गया है, हालांकि इसमें विदेशी नागरिकों के लिए प्रावधान नहीं है।

मंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्गों और सभी राजनीतिक दलों की यह राय रही है कि ‘कॉमर्शियल सरोगेसी’ पर रोग लगनी चाहिए। नड्डा ने कहा कि देश भर में ऐसे बहुत सारे क्लीनिक चल रहे हैं जो कॉमर्शियल सरोगेसी का हब बन गए हैं और अब इस विधेयक के पारित होने के बाद इस पर रोक लगेगी।

मंत्री ने कहा कि सरोगेसी के मामले पर उच्चतम न्यायालय ने भी संज्ञान लिया। इसके बाद हमने यह विधेयक लाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि विधेयक में सरोगेसी के संदर्भ में ‘मां’ को परिभाषित किया गया है और यह भी तय किया गया है कि कौन लोग सरोगेसी की सेवा ले सकते हैं।

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया। इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तेदार ने कहा कि यह विधेयक महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों 377 पर फैसला दिया और समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया, लेकिन इस विधेयक में इस वर्ग के संबंध में कोई उल्लेख नहीं किया गया है ।उन्होंने कहा कि दूसरे देश में रहने वाले भारतीय नागरिकों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।

Web Title: Now you will be able to accept the rent, surrogacy regulation bill, Lok Sabha approval

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