हिमंत बिस्व सरमा ने कहा- असम में मदरसों और संस्कृत केन्द्रों को बंद करने की अधिसूचना नवंबर में होगी जारी
By भाषा | Published: October 17, 2020 05:18 PM2020-10-17T17:18:32+5:302020-10-17T17:18:32+5:30
मंत्री ने कहा कि संस्कृत केन्द्रों को कुमार भास्करवर्मा संस्कृत विश्वविद्यालय के सुपुर्द कर शिक्षण तथा अध्ययन केन्द्रों में तब्दील किया जाएगा, जहां भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद की शिक्षा दी जाएगी।
गुवाहाटी: असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि राज्य में सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों और संस्कृत केन्द्रों को बंद करने की अधिसूचना नवंबर में जारी की जाएगी। सरमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मदरसा शिक्षा बोर्ड को भंग कर सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों को हाई स्कूलों में तब्दील कर दिया जाएगा। नियमित छात्रों की तरह सभी स्कूलों में दाखिले दिये जाएंगे।
उन्होंने कहा, ''अंतिम वर्ष के छात्रों को पास होने के बाद स्कूल छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि इन स्कूलों में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को नियमित छात्रों की तरह पढ़ाई करनी होगी।''
मंत्री ने कहा कि संस्कृत केन्द्रों को कुमार भास्करवर्मा संस्कृत विश्वविद्यालय के सुपुर्द कर शिक्षण तथा अध्ययन केन्द्रों में तब्दील किया जाएगा, जहां भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद की शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा, ''यह कदम इसलिये उठाया गया है ताकि छात्रों को असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सेबा) के तहत नियमित शिक्षा मिल सके।''
मंत्री से जब पूछा गया कि क्या यह फैसला अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लिया गया है, तो उन्होंने कहा, ''यह चुनावी मुद्दा कैसे हो सकता है। हम केवल सरकार द्वारा संचालित मदरसों को बंद कर रहे हैं न कि निजी मदरसों को।''
सरमा ने कहा कि असम में सरकार द्वारा संचालित 610 मदरसे हैं, जिन पर सरकार के सालाना 260 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।