पाकिस्तान में न सिर्फ अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि मुस्लिम भी कर रहे हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ से पूर्व विधायक का दर्द छलका है और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर उम्मीद लगाई है और भारत में लौटने की गुहार लगाई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान में न केवल अल्पसंख्यक बल्कि मुस्लिम भी वहां (पाकिस्तान) सुरक्षित नहीं हैं। हम पाकिस्तान में बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मैं भारतीय सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह मुझे यहां शरण दें। मैं वापस नहीं जाऊंगा।'
उन्होंने कहा, 'भारतीय सरकार को एक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख परिवार यहां आ सकें। मैं चाहता हूं कि मोदी साहब उनके लिए कुछ करें। वहां उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।'
बाद में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पुलिस ने इस मामले में घोटकी से 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। पीटीआई के सांसद रमेश कुमार का कहना था कि यह पहली बार है जब एक अगवा हुई हिंदू लड़की को उसके परिवार से सुरक्षित दोबारा मिलवाया गया। अल्पसंख्यक महिलाओं के जबरन धर्मांतरण का मामला उस वक्त सामने आया जब 19 वर्षीय एक सिख लड़की का इस्लाम में धर्मांतरण करा कर पंजाब प्रांत के एक मुसलमान युवक के साथ निकाह कराऐ जाने की खबर आई। लड़की को पंजाब के राज्यपाल और 30 सदस्यीय सिख समिति के बीच कई दिन तक चली बातचीत के बाद परिवार से मिलाया गया था।