त्वरित न्याय नहीं मिलना न्याय प्रशासन में लोगों के विश्वास को एक खतरा है : न्यायालय

By भाषा | Published: December 1, 2021 09:09 PM2021-12-01T21:09:31+5:302021-12-01T21:09:31+5:30

Not getting speedy justice is a threat to people's faith in the administration of justice: Court | त्वरित न्याय नहीं मिलना न्याय प्रशासन में लोगों के विश्वास को एक खतरा है : न्यायालय

त्वरित न्याय नहीं मिलना न्याय प्रशासन में लोगों के विश्वास को एक खतरा है : न्यायालय

नयी दिल्ली, एक दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि त्वरित न्याय नहीं मिलना न्याय प्रशासन में जन विश्वास को एक खतरा है और जब समय पर सुनवाई संभव नहीं होगी तथा व्यक्ति को लंबे समय तक कैद में रहना होगा, तब अदालतें आरोपी को जमानत देने के लिए सामान्य रूप से बाध्य होंगी।

शीर्ष न्यायालय ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) सहित अन्य कथित अपराधों के मामले में साढ़े नौ साल विचाराधीन कैदी रहे 74 साल के एक आरोपी को जमानत देते हुए यह कहा।

न्यायालय ने कहा कि त्वरित सुनवाई सुनिश्चित किये बगैर व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप नहीं है।

न्यायालय ने यह भी कहा कि उसे बताया गया है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अधिनियम,2008 के तहत निर्धारित अपराधों के मामलों की सुनवाई के लिए पश्चिम बंगाल में सिर्फ एक विशेष अदालत है।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति ए.एस. ओका की पीठ ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में हम पश्चिम बंगाल को यह निर्देश देना उपयुक्त मानते हैं कि वह अधिनियम के तहत और अधिक विशेष अदालतें गठित करे। ’’

शीर्ष न्यायालय ने आरोपी आशिम की एक अपील पर अपना फैसला सुनाया जिसने जमानत के लिए अनुरोध किया था।

न्यायालय ने कहा , ‘‘इस आदेश की प्रति पश्चिम बंगाल के सचिव और कलकत्ता उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को आवश्यक अनुपालन के लिए भेजी जाए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Not getting speedy justice is a threat to people's faith in the administration of justice: Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे