North Bihar FLOOD News: हम बाढ़ को लेकर तैयार नहीं थे?, 19 जिलों में तबाही के बीच मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, अधिकारी सतर्क और चौकस रहते तो शायद ऐसा नहीं...
By एस पी सिन्हा | Published: October 2, 2024 06:40 PM2024-10-02T18:40:28+5:302024-10-02T20:32:59+5:30
प्रशांत किशोर राजनीतिक दलों के लिए काम करते थे। 2014 में भाजपा के लिए काम किए, 2015 में जदयू के लिए 2016-17 में भी, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के लिए काम किया।
North Bihar FLOOD News: नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार के 19 जिलों में बाढ़ से मची तबाही के बीच मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हम बाढ़ को लेकर तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमारी समझ से 60-70 साल बाद कोशी के इलाके में ऐसा बाढ़ आया है। इससे कुछ जगहों पर कई बांध टूट गए। जब हमारे अधिकारी और हर कोई समझ रहा था कि अब बाढ़ नहीं आएगा, अब सब खत्म हो गया। इसलिए सब लोग रिलेक्स हो गए थे। लेकिन, यदि जल संसाधन विभाग के अधिकारी सतर्क रहते और चौकस रहते तो शायद ऐसा नहीं होता। अशोक चौधरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आज जो हो रहा है, वह चिंता का विषय है। हालांकि, हमारे नेता सभी चीजों पर नजर बनाए हुए हैं। इसको लेकर आज ही सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए कुछ धन राशि दिए जाएंगे।
हमलोग इनको लेकर हर संभव उपाय कर रहे हैं। सरकार अपने तरह से चीजों को देख रही है। वहीं, तेजस्वी यादव के ट्वीट पर उन्होंने कहा कि यदि सही मायने में उस समय यूपीए की सरकार हमें पैकेज दे देती तो आज बिहार कहां से कहां चल जाता। वो लोग बस बोलना जानते हैं, इसलिए दुबई में बैठ कर बोल रहे हैं। हम लोग काम करना जानते हैं, इसलिए आपदा से निपटने के लिए काम कर रहे हैं।
हम लोग काम में ध्यान देने वाले लोग हैं। उधर, चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के द्वारा पार्टी बनाए जाने पर अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता पीके पर विश्वास करती है या नहीं। पीके को जनता का प्यार मिलता है या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा। उन्होंने कहा कि पीके एक बिजनेसमैन हैं और बिजनेस मैन का काम होता है। पॉलिटिशियन की फंडिंग करना।
प्रशांत किशोर राजनीतिक दलों के लिए काम करते थे। 2014 में भाजपा के लिए काम किए, 2015 में जदयू के लिए 2016-17 में भी, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के लिए काम किया। लेकिन जिनके लिए भी काम किया, उनके लिए दोबारा काम नहीं कर पाए, कारण क्या था वो ही जानें? वहीं अब उनके मन में है कि वो अपने लिए काम करें, उनका विचार है कि वो अगर वो राजनीतिक दल के लिए काम कर सकते हैं तो खुद के लिए भी राजनीति कर सकते हैं।