हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी, परिवाल वालों का दावा- महीने भर से हैं लापता
By भाषा | Published: February 20, 2020 05:57 AM2020-02-20T05:57:04+5:302020-02-20T05:57:04+5:30
मामला अगस्त 2015 का है जब हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने आरक्षण आंदोलन के तहत अहमदाबाद में एक बड़ी रैली आयोजित की थी। इस मामले में गैरकानूनी तरीके से जमा होने के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
अहमदाबाद की एक अदालत ने बुधवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। यह वारंट 2017 में पुलिस की अनुमति के बिना यहां रैली आयोजित करने के सिलसिले में उनके खिलाफ चल रहे एक मामले की सुनवाई के दौरान उनके अनुपस्थित रहने पर जारी किया गया। एक निचली अदालत ने पटेल के वकील द्वारा उन्हें पेश होने से छूट देने की याचिका खारिज कर दी और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी टी ए भदेजा ने बुधवार को उनके वकील के आवेदन को खारिज करते हुए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
कुछ दिन पहले हार्दिक पटेल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की गई थी
गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को 2015 के पाटीदार आंदोलन के सिलसिले में गैरकानूनी तरीके से लोगों के जमा होने के मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। न्यायमूर्ति वी एम पंचोली ने पटेल की पृष्ठभूमि के आधार पर सरकार की आपत्ति पर विचार करने के बाद उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। याचिका का विरोध करते हुए सरकार ने अदालत में कहा कि पटेल के खिलाफ दस से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गये थे। हार्दिक पटेल की पत्नी ने दावा किया है कि वह पिछले महीने भर से लापता हैं।
पटेल ने अग्रिम जमानत अर्जी में दावा किया था कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा उन्हें सताया जा रहा है जिसने उनके खिलाफ कई झूठे, मनगढ़ंत मामले दर्ज किये थे। उन्होंने कहा कि पुलिस राजनीतिक दबाव में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए काम कर रही है।