नोएडाः ‘बाइक बॉट’ पोंजी घोटाला, मनी लांड्रिंग मामले में 112 करोड़ की संपत्तियां कुर्क, 3000 से 4000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप

By भाषा | Published: October 6, 2021 09:15 PM2021-10-06T21:15:57+5:302021-10-06T21:17:51+5:30

ग्रेटर नोएडा मुख्यालय वाली ‘बाइक बॉट’ टैक्सी सेवा पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों को करीब 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

Noida 'Bike Bot' Ponzi scam Rs 112 crore attached money laundering case accused of defrauding Rs 3000 to 4000 crores | नोएडाः ‘बाइक बॉट’ पोंजी घोटाला, मनी लांड्रिंग मामले में 112 करोड़ की संपत्तियां कुर्क, 3000 से 4000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप

नोएडा पुलिस की आरोपी कंपनी, उसके प्रवर्तक भाटी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी के आधार पर दायर किया था।

Highlights 107.01 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया है। 5.35 करोड़ रुपये सावधि जमा को भी कुर्क किया गया है।ईडी ने कुल 112.36 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं।

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के ‘बाइक बॉट’ पोंजी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में 112 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। ग्रेटर नोएडा मुख्यालय वाली ‘बाइक बॉट’ टैक्सी सेवा पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों को करीब 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

ईडी ने बुधवार को बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियां बाइक बॉट घोटाले में शामिल गार्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लि. (जीआईपीएल), उसके प्रवर्तक संजय भाटी तथा अन्य संबद्ध इकाइयों की है। ईडी ने धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत 107.01 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया है।

इन संपत्तियों में जेनिथ टाउनशिप प्राइवेट लि. की सागा हैबिटाट परियोजना के फ्लैट, अर्नी विश्वविद्यालय की जमीन और भवन, साहा इन्फ्राटेक प्राइवेट लि. का ‘अमेडियस परियोजना’ में निर्माणाधीन टावर और नोबल बिल्ड टेक की व्हाइट हाउस परियोजना के निर्माणाधीन टावर शामिल हैं। इसके अलावा 5.35 करोड़ रुपये सावधि जमा को भी कुर्क किया गया है।

ईडी ने कुल 112.36 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। ईडी ने यह मामला नोएडा पुलिस की आरोपी कंपनी, उसके प्रवर्तक भाटी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी के आधार पर दायर किया था। जीआईपीएल और भाटी और अनरू ने बाइक सेवा के रूप में बाइक बॉट नाम से बेहद आकर्षक योजना पेश की थी।

इसमें ग्राहक एक, तीन, पांच या सात बाइक में निवेश कर सकते थे। बाइक का परिचालन और रखरखाव कंपनी द्वारा किया जाना था। इसके लिए निवेशकों को मासिक किराया, ईएमआई और बोनस का भुगतान किया जाना था।

ईडी ने कहा कि कंपनी ने कई शहरों में फ्रेंचाइजी भी दी थी, लेकिन इन शहरों में बाइक टैक्सी का परिचालन नहीं हुआ। यह योजना अगस्त, 2017 में शुरू की गई। इस योजना के तहत ग्राहकों से पैसा जुटाने और उन्हें भुगतान का काम 2019 की शुरुआत तक किया गया। 

Web Title: Noida 'Bike Bot' Ponzi scam Rs 112 crore attached money laundering case accused of defrauding Rs 3000 to 4000 crores

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे