लद्दाख: गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय सैनिकों के लापता होने की बात को सेना ने किया खारिज

By सुमित राय | Published: June 18, 2020 08:13 PM2020-06-18T20:13:49+5:302020-06-18T21:35:58+5:30

भारतीय सेना ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प के बाद कई भारतीय सैनिक लापता हैं।

No soldiers missing after Galwan Valley clash, says Indian Army | लद्दाख: गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय सैनिकों के लापता होने की बात को सेना ने किया खारिज

भारतीय सेना ने गलवान घाटी से भारतीय सैनिकों के लापता होने की बात को खारिज किया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभारतीय सेना ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भारतीय सैनिक कार्रवाई में लापता नहीं है।गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए थे।

भारतीय सेना ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया, जिसमें कहा जा रहा है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख  के गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास में चीनी सेना के साथ झड़प के बाद कई भारतीय सैनिक गायब हैं।

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भारतीय सैनिक कार्रवाई में लापता नहीं है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि यह बयान बुधवार को न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित 'इन चाइना-इंडिया क्लैश, टू नेशनलिस्ट लीडर्स विद लिटल रूम टू गिव' के लेख के संदर्भ में था। बता दें कि मीडिया के कुछ वर्गों ने यह भी बताया था कि कई भारतीय सैनिक लापता हैं।

सोमवार को लद्दाख में 20 भारतीय जवान शहीद

बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए हैं। इस खूनी झड़प पर घायल चार भारतीय जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है।

भारतीय जवानों ने बिना हथियार किया सामना: रिपोर्ट

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया ता कि चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर सभी तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया और कुछ जवानों के मुंह पर बंदूक अड़ाकर उन्हें आखिरी सांस तक टॉर्चर करते रहे। वहीं भारतीय जवान बिना हथियार के बहादुरी के साथ लड़ते हुए हालात को संभालते रहे, क्योंकि वह हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे।

राहुल गांधी ने भी उठाए बिना हथियार पर सवाल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय सैनिकों के निहत्थे भेजे जाने को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ' चीन ने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की हिम्मत कैसे की?' उन्होंने आगे लिखा, 'हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्था क्यों भेजा गया?' इस ट्वीट में राहुल गांधी ने  'निहत्थे' शब्द पर खास जोर दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। (फाइल फोटो)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। (फाइल फोटो)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल को दिया जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, "सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियार के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते वक्त। 15 जून को गलवान में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के पास भी हथियार थे।" जयशंकर ने चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के वक्त हथियारों का उपयोग नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने लिखा, "गतिरोध के वक्त हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी परंपरा (1966 और 2005 समझौतों के तहत) रही है।"

Web Title: No soldiers missing after Galwan Valley clash, says Indian Army

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