रोशनी कानून पर अदालत के फैसले को चुनौती देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं

By भाषा | Published: January 25, 2021 01:06 PM2021-01-25T13:06:47+5:302021-01-25T13:06:47+5:30

No punitive action against those challenging the court's ruling on the Roshni law | रोशनी कानून पर अदालत के फैसले को चुनौती देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं

रोशनी कानून पर अदालत के फैसले को चुनौती देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं

नयी दिल्ली, 25 जनवरी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसकी ओर से दिया गया यह आश्वासन कायम रहेगा कि जो लोग 2001 के रोशनी अधिनियम को खत्म करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे हैं उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ को जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि नौ अक्टूबर के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका वहां पर लंबित है तथा इस पर सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।

पीठ ने इस पर गौर किया कि पुनर्विचार याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए अभी आई नहीं है तथा कहा कि इसके बाद याचिकाकर्ता शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।

गत दस दिसंबर को मेहता ने कहा था कि इस मामले में शीर्ष न्यायालय जाने वाले याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि वे ‘‘भूमि पर कब्जा करने वाले या अनधिकृत लोग’’ नहीं हैं।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि पिछली सुनवाई में मेहता के बयान के अनुसार उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई।

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय से कहा था कि रोशनी कानून को खत्म करने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर वह निर्णय ले।

रोशनी कानून, ऊर्जा परियोजनाओं के लिए धन के स्रोत पैदा करने तथा सरकारी भूमि पर रह रहे लोगों को स्वामित्व का अधिकार प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ 2001 में लागू किया गया था।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने नौ अक्टूबर को इस कानून को ‘‘गैर कानूनी, असंवैधानिक’’ बताते हुए कहा था कि ये कानून कायम रहने योग्य नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने इस कानून के तहत हुए भूमि आवंटन की सीबीआई से जांच के आदेश दिए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: No punitive action against those challenging the court's ruling on the Roshni law

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे