तालिबान आतंकवादियों के कश्मीर में फैलने की आशंका को लेकर फिक्र करने की जरूरत नहीं: सैन्य अधिकारी

By भाषा | Published: September 20, 2021 07:35 PM2021-09-20T19:35:48+5:302021-09-20T19:35:48+5:30

No need to worry about possibility of Taliban militants spreading in Kashmir: Army official | तालिबान आतंकवादियों के कश्मीर में फैलने की आशंका को लेकर फिक्र करने की जरूरत नहीं: सैन्य अधिकारी

तालिबान आतंकवादियों के कश्मीर में फैलने की आशंका को लेकर फिक्र करने की जरूरत नहीं: सैन्य अधिकारी

श्रीनगर, 20 सितंबर सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यहां कहा कि जम्मू-कश्मीर में तालिबान आतंकवादियों के फैलने की आशंका को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और लोगों को सुरक्षित रखा जाएगा।

सेना की श्रीनगर स्थित 15 कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडेय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सवाल मुझसे कई बार उन घटनाओं पर पूछा गया है जिनका कोई संबंध नहीं है। तो, मैं फिर से आपके प्रश्न का यही उत्तर दूंगा: आप चिंतित क्यों हैं? आप सुरक्षित हैं और आप सुरक्षित रहेंगे। काफी प्रयास किये जा रहे हैं।’’

जीओसी ने कहा कि अगर कोई हथियार उठाता है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे और उसे या तो मार गिराया जाएगा या गिरफ्तार किया जाएगा या फिर उसे आत्मसमर्पण करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं तालिबान या विदेशी आतंकवादियों या स्थानीय आतंकवादियों पर इस सवाल को नहीं देख रहा हूं। हमारे लिए, इसका गुणवत्ता और मात्रा से कोई लेना-देना नहीं है। अगर कोई शख्स हथियार उठाता है, तो उसे किसी भी तरह से निष्प्रभावी कर दिया जाएगा - मारकर या पकड़कर और अगर वह आकर पेशकश करता है तो हम आत्मसमर्पण स्वीकार कर लेंगे।’’

कश्मीर घाटी में मौजूदा विदेशी आतंकवादियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय ने कहा कि पुलिस के मुताबिक कश्मीर घाटी में 60 से 70 विदेशी आतंकवादी हो सकते हैं जो मूल रूप से पाकिस्तानी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी रणनीति किसी आतंकवादी हमले को अंजाम देने की नहीं बल्कि स्थानीय युवाओं को गतिविधियों के लिए प्रेरित करने और उन्हें हथियार देने की है ताकि वह मुठभेड़ों में मारे जाएं। इससे उन्हें इस तरह फायदा होता है कि जब हमारे देश, हमारे कश्मीर का एक जवान लड़का मारा जाता है, तो उसका परिवार हमसे नाराज हो जाता है। यह उनकी रणनीति है।’’

हालांकि अधिकारी ने कहा कि कश्मीर के लोगों की सोच में बदलाव आया है और उन्होंने मान लिया है कि उनके ही समुदाय के लोग उन्हें गलत रास्ते पर ले जा रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देश विरोधी, असामाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ाई है जिसे लोगों को खुद लड़ना होगा। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चे स्वतंत्र रूप से बाहर आएं, खुद को शिक्षित करें और देश के जिम्मेदार नागरिक बनें। वह समाज में सम्मान पाते हैं, वह अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करते हैं। कोई भी पिता या मां नहीं चाहता कि उनका बच्चा सड़कों पर पत्थर फेंके, लेकिन कुछ शातिर तत्व हैं जो उन्हें विभिन्न तरीकों से प्रेरित करते हैं और उन्हें सड़कों पर ले जाते हैं।’’

लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय ने कहा कि मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य साफ दर्शाता है कि युवाओं ने सड़कों पर उतरना बंद कर दिया है और वह इस खेल को समझ गये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसे उपक्रम जारी रखेंगे कि युवा पूरे देश में प्रतिस्पर्धा के अवसर पाएं और पूरे देश, दुनिया में बाहर जाएं तथा जिम्मेदार, परिपक्व इंसान बनें।’’

सैन्य अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल आतंकवादियों से जुड़े युवाओं के परिवारों से संपर्क साध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह (परिवार) अपने बच्चों तक पहुंचें, जिन्हें गुमराह किया गया है और उन्हें देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करके आत्मसमर्पण करने का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए आज से बेहतर अवसर नहीं हो सकता है कि वह समाज में वापस आएं।’’

वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि कश्मीर के अंदर ही युवाओं को हथियार उठाने के लिए गुमराह कर रहे लोगों को बेनकाब किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन लोगों को बेनकाब करना चाहिए जो कश्मीर के भीतर हैं, जो अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों, कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं, उनके पास अच्छी नौकरी या व्यवसाय है, लेकिन जो युवा गुमराह हैं, जो इतनी समृद्ध पृष्ठभूमि से नहीं हैं, इतने पढ़े-लिखे नहीं हैं, हथियार उठाते हैं और मारे जाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों को उन माता-पिता से जाकर पूछना चाहिए कि आपका बेटा हथियार क्यों नहीं उठा रहा है लेकिन आप मेरे बच्चे से हथियार उठवा रहे हैं। ऐसा क्यों है कि मेरे बच्चे को गलत रास्ते पर ले जाया गया।’’

इससे पहले जीओसी ने सेना की कश्मीर सुपर 30 के पहले और दूसरे बैच के उन छात्रों को सम्मानित किया जो नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करके सफलतापूर्वक एमबीबीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हैं।

जून 2018 में इस पहल के शुरू होने के बाद से, पिछले दो बैचों में 68 छात्रों ने शत-प्रतिशत परिणाम के साथ कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया है। 35 छात्रों का तीसरा बैच सितंबर में नीट की परीक्षा में शामिल हुआ।

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Web Title: No need to worry about possibility of Taliban militants spreading in Kashmir: Army official

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