सीएम अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में लॉकडाउन नहीं, लेकिन बरतनी होगी पूरी सतर्कता, तभी रुकेगा संक्रमण
By रामदीप मिश्रा | Published: September 6, 2020 08:51 AM2020-09-06T08:51:21+5:302020-09-06T08:54:14+5:30
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन में इस महामारी का भय खत्म होने से लोगों ने हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है। कोविड-19 के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए संक्रमण से बचाव के उपायों पर अधिक फोकस करना होगा।
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं है, लेकिन आमजन को लॉकडाउन की तरह व्यवहार करते हुए पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है तभी कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा। हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना, सोशल डिस्टेसिंग एवं मास्क लगाने के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए उन्हें विश्वास में लिया जाए और उन्हें बताया जाए कि कोविड-19 से बचने के लिए उन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा और अनावश्यक घर से बाहर निकलना कम करना होगा।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से प्रदेश में कोरोना सक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन में इस महामारी का भय खत्म होने से लोगों ने हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है। कोविड-19 के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए संक्रमण से बचाव के उपायों पर अधिक फोकस करना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में सुविधाओं एवं दवाइयों की कोई कमी नहीं आने देगी लेकिन कोरोना के खिलाफ इस जंग में जीत के लिए समाज के प्रतिष्ठित लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, एनजीओ, जनप्रतिनिधियों आदि को आगे आकर आमजन को हेल्थ प्रोटोकॉल का पालना करने के लिए जागरूक करना होगा।
सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड संक्रमण में लोगों का जीवन बचाने में ऑक्सीजन की उपलब्धता काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही हाई फ्लो ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने जिला स्तर के अस्पतालों एवं कोविड मरीजों का इलाज कर रहे अन्य चिकित्सालयों के चिकित्सकों को ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित करने पर भी जोर दिया। हॉस्पीटल में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर आने वाले मरीज को आते ही उसे व्हीलचेयर ऑक्सीजन सिलेण्डर के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए।