भारत-चीन सीमा पर पिछले 6 महीने में किसी घुसपैठ की सूचना नहीं, केंद्र सरकार ने संसद में कहा
By विनीत कुमार | Published: September 16, 2020 12:37 PM2020-09-16T12:37:23+5:302020-09-16T12:39:34+5:30
भारत-चीन सीमा पर पिछले 6 महीने में किसी घुसपैठ की सूचना नहीं है। ये जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को राज्य सभा में दी गई। हालांकि, पाकिस्तान की ओर कई बार घुसपैठ की कोशिश की बात जरूर सरकार ने कही है।
गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को राज्य सभा में कहा गया कि पिछले 6 महीनों में चीन की ओर से कोई घुसपैठ भारतीय सीमा में नहीं हुई। गृह राज्य मंत्री (MoS) नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब के जरिए ये बातें कही। गृह मंत्रालय की ओर से ये जवाब बीजेपी से राज्य सभा सांसद अनिल अग्रवार के एक सवाल पर आया है।
केंद्र सरकार की ओर से जवाब उस समय आया है जब पिछले कुछ महीनों से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। साथ ही झड़प और गोलियां चलने की भी खबरें आ चुकी हैं।
No infiltration reported along India-China border during last six months: MoS MHA Nityanand Rai (file pic) in a written reply in Rajya Sabha to Unstarred Question 'whether it is a fact that the cases of infiltration from Pakistan & China has increased during the last six months' pic.twitter.com/Eu9SyDPPi3
— ANI (@ANI) September 16, 2020
भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से फरवरी में शून्य, मार्च में चार, अप्रैल में 24, मई में आठ, जून में शून्य और जुलाई में 11 बार घुसपैठ की कोशिश की गई है।
चीन मुद्दे पर राजनाथ सिंह भी दे चुके हैं संसद में बयान
इससे पहले मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को लद्दाख में चीन से जारी गतिरोध के बारे में जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में घुसपैठ शब्द का इस्तेमाल तो नहीं किया था लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा कि चीनी सैनिकों ने 1993-96 के समझौते की अवहेलना की।
राजनाथ ने कहा कि भारत ने हमने चीन को कूटनीतिक और सैन्य चैनलों से अवगत करा दिया है कि यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने का प्रयास कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं।
साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे। हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।’