क्षतिपूर्ति से छूट देने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है: सरकार

By भाषा | Published: June 4, 2021 09:52 PM2021-06-04T21:52:22+5:302021-06-04T21:52:22+5:30

No decision has been taken yet to give exemption from compensation: Government | क्षतिपूर्ति से छूट देने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है: सरकार

क्षतिपूर्ति से छूट देने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है: सरकार

नयी दिल्ली, चार जून सरकार ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी विदेशी या भारतीय कोविड-19 टीका निर्माता कंपनी को क्षतिपूर्ति से छूट देने का कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। सरकार ने कहा कि ये निर्णय ‘‘राष्ट्र और लोगों के हित में’’ लिए जाने हैं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल का बयान भारतीय कोविड-19 टीका-निर्माताओं को हर्जाना देने से छूट देने के मुद्दे पर आया है।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा विदेशी कंपनियों, विशेष रूप से फाइजर के संदर्भ में सामने आया है और सरकार अमेरिकी फार्मा कंपनी और अन्य के साथ बातचीत कर रही है जो ऐसी मांग कर रहे हैं।

पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘सैद्धांतिक रूप से, वे (विदेशी निर्माता) क्षतिपूर्ति देने से छूट की उम्मीद करते हैं। उन्होंने जो कहा है वह पूरी दुनिया में मामला है। हमने अन्य देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भी पता लगाया है।’’

पॉल ने कहा, ‘‘हां, वास्तव में उन्होंने इस तरह की क्षतिपूर्ति से छूट दिए जाने के बाद ही टीकों की आपूर्ति की है। यह तथ्य प्रतीत होता है। विशिष्ट कंपनियों ने अनुरोध किया है और हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।’’

सूत्रों ने कहा कि घरेलू टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी अपने कोविड-19 टीकों के लिए जवाबदेही से छूट की मांग करते हुए कहा है कि नियम सभी कंपनियों के लिए समान होने चाहिए।

पॉल ने कहा, ‘‘इतनी महान देशभक्तिपूर्ण सेवा करने वाले स्थानीय निर्माताओं के लिए क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर, सरकार की नजर है लेकिन कोई निर्णय नहीं किया गया है। ये निर्णय राष्ट्र के हित में और लोगों के हित में समग्र रूप से लिए जाने हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में उपलब्ध होने पर फाइजर का टीका 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को दिए जाने पर विचार किया जाएगा क्योंकि ब्रिटेन ने इस श्रेणी के लिए इसे मंजूरी दे दी है, पॉल ने कहा कि भारत बच्चों के लिए अपना खुद का टीका तैयार कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘बाल समूह कोई छोटा समूह नहीं है। मेरा अनुमान है कि यदि यह 12 से 18 वर्ष के बीच है, तो यह स्वयं लगभग 13 से 14 करोड़ आबादी है और जिसके लिए हमें लगभग 25-26 करोड़ खुराक की आवश्यकता होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा नहीं कर सकते कि कुछ लोगों को मिले और दूसरों को नहीं मिले। इसलिए जब हम रणनीति बनाएंगे और निर्णय लेते हैं, तो हमें इसे ध्यान में रखना होगा कि टीके की कितनी खुराक उपलब्ध हैं।’’

उन्होंने आगे कहा कि भारत बायोटेक के कोवैक्सीन ही नहीं, बल्कि जाइडस कैडिला के टीके का पहले से ही बच्चों पर परीक्षण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब जाइडस लाइसेंस के लिए आता है, उम्मीद है कि अगले दो हफ्तों में, शायद हमारे पास यह देखने के लिए पर्याप्त डेटा हो कि क्या बच्चों को टीका दिया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि निर्णय लेने और विश्लेषण के लिए इन चीजों पर सक्रिय रूप से विचार और जांच पड़ताल की जा रही है।

क्षतिपूर्ति से छूट के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का अनुरोध फाइजर और मॉडर्ना द्वारा भारत सरकार को क्षतिपूर्ति से छूट के अनुरोध के बाद आया था।

सीरम इंस्टीट्यूट के एक सूत्र ने कहा, "नियम सभी के लिए समान होने चाहिए।

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Web Title: No decision has been taken yet to give exemption from compensation: Government

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