अतिरिक्त खुराक और बच्चों को टीके पर नहीं हो सका कोई फैसला, वैक्सीन पर सरकार के शीर्ष पैनल में नहीं बनी आम सहमति
By विशाल कुमार | Published: December 7, 2021 11:01 AM2021-12-07T11:01:57+5:302021-12-07T11:04:26+5:30
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने इस बात पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की कि क्या वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए एक अतिरिक्त खुराक की अनुमति दी जाए या उन लोगों को जो कोविड से अधिक जोखिम में हैं, लेकिन कोई अंतिम सिफारिश नहीं की गई
नई दिल्ली: ओमाक्रोन मामलों के बढ़ने के बीच सोमवार को हुई एक लंबी बैठक में, सरकार की शीर्ष वैक्सीन सलाहकार पैनल वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक या बच्चों का टीकाकरण करने पर आम सहमति बनाने में विफल रही।
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने इस बात पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की कि क्या वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए एक अतिरिक्त खुराक की अनुमति दी जाए या उन लोगों को जो कोविड से अधिक जोखिम में हैं, लेकिन कोई अंतिम सिफारिश नहीं की गई। इसके साथ ही उम्मीद की जा रही थी कि समूह बच्चों के टीकाकरण को लेकर भी कोई नीति पेश करेगी।
बैठक में कोविड-19 टीकाकरण, अतिरिक्त खुराक और बच्चों के लिए टीकाकरण पर चर्चा की गई, लेकिन मुद्दों पर आम सहमति नहीं होने के कारण अंतिम सिफारिश नहीं की जा सकी। भारत में अब कोविड के नए ओमीक्रोन वैरिएंट के 23 मामले सामने आ चुके हैं और इस संबंध में पैनल के निर्णय महत्वपूर्ण साबित होंगे।
पैनल के सदस्यों ने कहा कि बूस्टर पर निर्णय बैठक के एजेंडे में नहीं था। उन्होंने बूस्टर खुराक और अतिरिक्त खुराक के बीच अंतर बताया। उन्होंने कहा कि बूस्टर खुराक शुरुआती दोनों खुराक दिए जाने के बाद एक पूर्वनिर्धारित अवधि के बाद दी जाती है, जबकि एक अतिरिक्त खुराक उन लोगों को दी जाती है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या होती है, जो उन्हें संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। यदि दो खुराक प्रतिरक्षा बनाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो एक अतिरिक्त खुराक दी जाती है।
सरकार ने फिलहाल बूस्टर पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में संसद को बताया था कि एनटीएजीआई और नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (एनईजीवीएसी) इस पहलू से संबंधित वैज्ञानिक सबूतों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
अदार पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने हाल ही में बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड के लिए मंजूरी मांगी थी। पिछले महीने, भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) ने भी उच्च-जोखिम वाली आबादी को वरीयता के साथ 40 साल से अधिक उम्र के लिए बूस्टर शॉट की सिफारिश की थी। लेकिन समूह ने बाद में स्पष्ट किया कि सिफारिश राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नहीं थी।