लाइव न्यूज़ :

पटना में रावण वध कार्यक्रम में CM नीतीश कुमार के साथ नही आया कोई भाजपा नेता, राज्य में राजग में दरार पड़ने की लगाई जाने लगी हैं अटकलें

By एस पी सिन्हा | Updated: October 10, 2019 13:31 IST

ऐतिहासिक गांधी मैदान में वर्षों से ‘रावण वध' किया जा रहा है, लेकिन इस बार यहां भीड़ अपेक्षाकृत कम रही.

Open in App
ठळक मुद्देमंगलवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जला कर पूरे उत्साह के साथ दशहरा मनाया गया इसपर जदयू ने प्रतिक्रिया दी है तो भाजपा ने भी कार्यक्रम में नहीं आने पर सफाई दी है

बिहार की राजधानी पटना में हुए जलजमाव और इस पर भाजपा-जदयू नेताओं के बीच शुरू हुई बयानबाजियों के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं. मंगलवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जला कर पूरे उत्साह के साथ दशहरा मनाया गया. लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ किसी भाजपा नेता के मंच पर मौजूद नहीं होने से राज्य में राजग में दरार पड़ने की अटकलें फिर से लगाई जाने लगी हैं. 

वैसे ऐतिहासिक गांधी मैदान में वर्षों से ‘रावण वध' किया जा रहा है, लेकिन इस बार यहां भीड़ अपेक्षाकृत कम रही. इस दौरान एक विशेष बात सत्ताधारी गठबंधन में शामिल भाजपा नेताओं की शत-प्रतिशत अनुपस्थिति रही. दरअसल यह पहला मौका है जब राज्य सरकार में शामिल रहने के बावजूद भाजपा का कोई नेता कार्यक्रम के मंच पर नहीं दिखा. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भाजपा नेताओं के मंच पर मौजूद नहीं रहने के कारण बिहार एनडीए में दरार पड़ने की अटकलें फिर से लगाई जाने लगी हैं. यहां उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार चौधरी और प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष मदन मोहन झा शामिल हुए.

लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की कुर्सी भी खाली रही. सबसे खास ये रहा कि मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बैठे जबकि, सामान्‍यत: उनके बगल में उपमुख्‍मंत्री सुशील मोदी बैठते रहे हैं. वहीं, राज्यपाल का पद दलगत राजनीति से अलग माना जाता है, लेकिन उनकी गैर-मौजूदगी भी खल रही थी. राज्यपाल फागू चौहान को ही कार्यक्रम का उदघाटन करना था. इस बाबत दशहरा कमेटी के अध्यक्ष कमल नोपनी ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी राज्यपाल समेत सभी मंत्रियों, पटना के सांसदों और विधायकों को निमंत्रण भेजे गए थे. वे क्यों नहीं आए, इस संबंध में वे ही बता सकते हैं. कार्यक्रम का उद्घाटन व रावण दहन मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने किया.

 

हालांकि इसपर जदयू ने प्रतिक्रिया दी है तो भाजपा ने भी कार्यक्रम में नहीं आने पर सफाई दी है. कार्यक्रम से इस अप्रत्‍याशित अनुपस्थिति पर भाजपा नेताओं ने अपनी सफाई दी है. पटना के दीघा से भाजपा विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि पटना जलजमाव से परेशान है. जल निकासी के कार्य में लगे रहने के कारण उन्‍हें कार्यक्रम में आने में विलंब हो गया. एनडीए को एकजुट बताते हुए भाजपा नेता संजय टाइगर ने कहा कि नीतीश कुमार पहुंच गए तो पूरा एनडीए पहुंच गया. वहीं, इस बाबत जदयू नेता व मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं का नहीं आना बडा सवाल है. इसका कोई बडा कारण होगा. जबकि जदयू प्रवक्‍ता अजय आलोक ने ट्वीट कर भाजपा से सवाल किया कि क्‍या रावण वध नहीं करना था?

 

यहां बता दें कि हाल के दिनों में सत्‍ताधारी एनडीए में शामिल भाजपा व जदयू के संबंधों में खटास के कयास लगाए जाते रहे हैं. पटना में जलजमाव के मसले पर दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्‍यारोप लगाने की होड में रहे हैं. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार इसे प्राकृतिक आपदा बताते रहे हैं तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ऐसा नहीं मानते. गिरिराज सिंह इसके लिए सीधे तौर पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी को जिम्‍मेदार माना है. पूरे एनडीए की तरफ से जनता से माफी मांग उन्‍होंने जदयू की जिम्‍मेदारी भी तय कर दी है. भाजपा कोटे के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा कहते हैं कि अफसर तो बात ही नहीं सुनते थे. वहीं, भाजपा के हमले पर जदयू ने भी जमकर पलटवार किए. गिरिराज सिंह के तीखे बयानों से आहत जदयू की तरफ से पार्टी महासचिव केसी त्‍यागी ने ऐसे बडबोले नेताओं पर लगाम लगाने की मांग सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह से की. 

 

अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें गठबंधन विरोधी बयानबाजी नहीं करने की सलाह दी है. बताया जा रहा है भारतीय जानता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गिरिराज सिंह को गठबंधन धर्म निभाने की भी नसीहत दी है. भाजपा आलाकमान का यह संदेश उन तक पहुंचा दिया गया है.

 

जदयू के सुर में सुर मिलाते हुए कांग्रेस ने भी भाजपा पर सवाल खडा किया है. पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि भाजपा ने खास रणनीति के तहत मुख्यमंत्री बायकॉट किया है. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के पटना में रहते हुए भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचना बडी बात है. यही नहीं मेयर से लेकर विधायकों ने भी दूरी बना ली. जाहिर है मुख्यमंत्री नीतीश के बायकॉट के लिए ऊपर से आदेश मिला होगा. दूसरी ओर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी इसे भाजपा की विशेष रणनीति करार दिया है. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी नहीं पहुचेंगे इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सारा हिसाब रखते हैं. लोकसभा में नीतीश की जरूरत थी, अब भाजपा को जरूरत नहीं है.

टॅग्स :बिहारनीतीश कुमार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार विधानसभा चुनावः 243 में से 202 सीट पर जीत, सभी 30 NDA सांसदों से मिलेंगे पीएम मोदी, राजनीतिक दिशा, विकास रणनीति और केंद्र-राज्य समन्वय पर चर्चा

भारतलालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने जमा किया ₹3 लाख 61 हजार रुपये का बिजली बिल, विभाग ने थमाया था नोटिस

भारतबिहार की राजधानी पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मोकामा में होगा श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर का निर्माण, राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पटना डेयरी प्रोजेक्ट, सुधा का निरीक्षण, एमडी शीर्षत कपिल अशोक ने दी डेयरी की उपलब्धि की जानकारी

भारतबिहार में जहां खून से लाल होती थी धरती, वहां फूलों की खेती से महक उठा है इलाका, लाखों कमा रहे हैं किसान

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Flight Cancellations: इंडिगो संकट, 7वें दिन 400 फ्लाइट कैंसिल, हालात से लाचार हजारों पैसेंजर, देखिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट हाल, वीडियो

भारतमेरे सम्मानित प्रदेश वासियों?, सीएम योगी लिखी चिट्ठी, क्या है इसमें खास?, पढ़िए

भारतIndiGo Crisis: 6 दिन में 2000 से अधिक फ्लाइट कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइज़री जारी की, एयरपोर्ट जाने से पहले लेटेस्ट स्टेटस चेक कर लें

भारतनागपुर विधानमंडल शीतकालीन सत्रः 8000 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात, पक्ष-विपक्ष में इन मुद्दों पर टकराव

भारतदिल्ली-एनसीआर में जहरीले स्मॉग की चादर, कई इलाकों में एयर क्वालिटी बहुत खराब, देखिए लिस्ट