"सोशल मीडिया पर मरीजों की जानकारी बेवजह न करें पोस्ट...", नए दिशा-निर्देश जारी कर एनएमसी ने मेडिकल छात्रों को दी सलाह

By भाषा | Published: April 4, 2023 08:39 AM2023-04-04T08:39:32+5:302023-04-04T08:50:53+5:30

मेडिकल शिक्षकों के लिए जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शिक्षकों को लगातार छात्रों को डॉक्टर-मरीज संबंध में सही चीजों के बारे में बताना चाहिए तथा रोगियों की गरिमा और अधिकारों के लिए सम्मान बनाए रखना चाहिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया है

NMC issued new guidelines for medical students Do not unnecessarily post patients information on social media | "सोशल मीडिया पर मरीजों की जानकारी बेवजह न करें पोस्ट...", नए दिशा-निर्देश जारी कर एनएमसी ने मेडिकल छात्रों को दी सलाह

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsएनएमसी ने मेडिकल छात्रों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए है। इसके अनुसार, बेवजह मरीज की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचने को कहा है। यही नहीं मेडिकल के छात्र कैसे कपड़े पहनेंगे, इस दिशा-निर्देश में यह भी बताया गया है।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने सोमवार को मेडिकल छात्रों की पेशेवर जिम्मेदारियों के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर उन्हें सोशल मीडिया पर मरीजों और उनसे जुड़ी जानकारी को बेवजह पोस्ट नहीं करने को कहा है। एनएमसी ने मेडिकल शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश में कहा है कि उन्हें छात्रों को डॉक्टर-मरीज संबंध के बारे में सही चीजों के बारे में बताना चाहिए तथा रोगियों की गरिमा और अधिकारों के लिए सम्मान बनाए रखना चाहिए। 

एनएमसी ने छात्रों के लिए स्थानीय भाषा सीखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया ताकि रोगियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद किया जा सके और सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लिया जा सके। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि मेडिकल छात्रों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने सभी पेशेवर कार्यों के दौरान शालीन और उचित कपड़े पहनें। 

दिशा-निर्देशों में एनएमसी ने क्या कहा है

दिशा-निर्देशों के अनुसार, अपने क्लीनिकल प्रशिक्षण के दौरान मेडिकल छात्रों को रोगियों के समक्ष नम्रता से पेश आना चाहिए। दिशा-निर्देश में मेडिकल छात्रों को अपना ख्याल रखने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, खासकर शराब, तंबाकू जैसे अन्य पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है कि मादक द्रव्यों के सेवन के मामले में छात्रों से उपचार और परामर्श लेने की अपेक्षा की जाती है। 

‘व्यक्तिगत विकास से संबंधित जिम्मेदारियों’ के तहत, दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि छात्रों को मरीजों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और चिकित्सा जानकारी की गोपनीयता बनाए रखनी चाहिए। एनएमसी के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईएमआरबी) के सदस्य डॉ योगेंद्र मलिक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘‘मेडिकल छात्रों को अपनी हद के बारे में पता होना चाहिए और उपचार के बारे में सलाह देने या अपने शिक्षकों से उचित निर्देश के बिना परामर्श देने से बचना चाहिए।’’ 

मरीज से संबंधित किसी भी जानकारी को सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें- एनएमसी

दिशा-निर्देशों में छात्रों से अपने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के दौरान शिक्षकों के मार्गदर्शन में शोध में शामिल होने का आग्रह किया गया है। साथ ही कहा गया है कि छात्रों को अनुसंधान के संबंध में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों से परिचित होना चाहिए। 

दिशा-निर्देशों में मेडिकल छात्रों से आग्रह किया गया है कि वे मरीजों और मरीज से सबंधित जानकारी को सोशल मीडिया पर बेवजह पोस्ट न करें। इसमें रेखांकित किया गया है कि छात्रों को सोशल मीडिया की उपयोगिता के साथ-साथ इसके अंधाधुंध उपयोग से जुड़े संभावित व्यावसायिक खतरों के बारे में पता होना चाहिए। 

दिशा-निर्देश के मुताबिक छात्रों को परीक्षाओं के दौरान नकल से भी दूर रहने को कहा गया है। दिशा-निर्देशों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जब भी संभव हो, छात्रों को स्वास्थ्य शिविरों/स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों में भाग लेना चाहिए क्योंकि समुदायों के स्तर पर सीखना भी चिकित्सा शिक्षा का एक अनिवार्य घटक है। 

दिशा-निर्देशों में मेडिकल छात्रों के कपड़े पहनने पर भी बोला गया है

‘‘समाज और राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति जिम्मेदारियों’’ के तहत दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि चिकित्सा एक सामाजिक और नैतिक प्रयास है, इसलिए मेडिकल छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने सभी पेशेवर प्रयासों में शालीन और उचित कपड़े पहनें। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि समाज सेवा और राष्ट्रवाद की भावना चिकित्सा शिक्षा का अभिन्न अंग होनी चाहिए। 

मेडिकल शिक्षकों के लिए जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शिक्षकों को लगातार छात्रों को डॉक्टर-मरीज संबंध में सही चीजों के बारे में बताना चाहिए तथा रोगियों की गरिमा और अधिकारों के लिए सम्मान बनाए रखना चाहिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्र शारीरिक परीक्षण के दौरान रोगियों की पीड़ा के प्रति संवेदनशील हों। छात्रों को नैतिकता के बारे में भी बताने को कहा गया है। 

दिशा-निर्देशों में भेदभाव से भी दूर रहने को कहा गया है

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि शिक्षकों को छात्रों के साथ अपने संवाद में निष्पक्ष होना चाहिए और क्षेत्र, धर्म, जाति, लिंग, यौन अभिरूचि, भाषा, सामाजिक-आर्थिक वर्ग या किसी अन्य कारक के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। दिशा-निर्देशों में यह भी रेखांकित किया गया है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रत्येक मामले के आधार पर की जानी चाहिए और शिक्षक को अपने सहयोगियों या लोगों के सामने छात्रों को अपमानित करने से बचना चाहिए। 

Web Title: NMC issued new guidelines for medical students Do not unnecessarily post patients information on social media

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